उन्नाव: कौशाम्बी से चोरी हुई भैंसे इंडाग्रो से हुई बरामद, सीओ सिटी ने स्लाटर हाउस पहुंचकर की जांच पड़ताल

उन्नाव। स्लाटर हाउसों में चोरी की भैंसों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आने पर सीओ सिटी ने छोपेमारी की। अभिलेखों में छेड़छाड़ की बात सामने आने पर उन्होने प्रबंधन को फटकार लगाई। इस मामले में पुलिस तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कौशाम्बी जिले के करारी थाना क्षेत्र के लक्ष्मण का …
उन्नाव। स्लाटर हाउसों में चोरी की भैंसों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आने पर सीओ सिटी ने छोपेमारी की। अभिलेखों में छेड़छाड़ की बात सामने आने पर उन्होने प्रबंधन को फटकार लगाई। इस मामले में पुलिस तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कौशाम्बी जिले के करारी थाना क्षेत्र के लक्ष्मण का पुरवा गांव निवासी कल्लू यादव दही थाना के औद्योगिक क्षेत्र स्थित केमिकल फैक्ट्री में काम करता है।
बीती रात उसके घर वालों ने फोन पर सूचना दी गांव से उसकी छह भैंसे चोरी हो गयी है। जिनमें दो भैंस के बच्चे शामिल है। इसकी जानकारी मिलने के बाद कल्लू ने औद्योगिक क्षेत्र स्थित कत्लखानों में अपनी भैंसों की तलाश शुरू की जहां उसे एक पिकअप में भैंसे जाती दिखी। उसने अपनी भैंसो को पहचान लिया। कल्लू ने इंडाग्रो फूड्स में भैंसे जाने पर फैक्ट्री के गेट पर पहुंचा। जहां सुरक्षाकर्मियों ने उसे जाने नहीं दिया। उसने 112 पर सूचना देकर पूरा घटनाक्रम बताया। हरकत में आयी पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो उसकी चार वयस्क भैंसे वापस मिल गयी जबकि दो बच्चे नहीं मिले।
मामला जानकारी में आने पर सीओ सिटी आशुतोष जांच पड़ताल करने इंडाग्रो फूड्स पहुंचे। जहां फैक्ट्री में आने वाली गाड़ियों व मवेशियों की इंट्री वाले अभिलेखों में छेड़छाड़ मिली। उन्होंने इस पर प्रबंधन के लोगों को जमकर फटकार लगाई। पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। जिन्हें दही थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। थाना प्रभारी राघवेन्द्र सिंह ने बताया चोरी की गई चार भैसो की बरामदगी हुई है।सभी बिन्दुओ पर जांच की जा रही है।
तीन जिलों की पुलिस को चकमा देकर स्लाटर पहुंची चोरी की भैंसें: कौशाम्बी से चोरी हुई भैंसे तीन जिलों की पुलिस को चकमा देते हुए रातों रात फैक्ट्री तक पहुंच जाती है। यह अपने आप में बड़ा सवाल है। तीनों जिलों में न जाने कितने थानों की सीमा से होते हुए चोरी की भैंस लेकर पिकअप यहां तक पहुंची होगी और कहीं भी पुलिस ने रोक टोक नहीं की यह बात लोगों को हजम नहीं हो रही है। जानकार बताते हैं कि रात के अंधेरे में नाकों पर निगरानी करने वाले पुलिस कर्मी कमाई के चलते मवेशियों से लदे वाहनों को अनदेखा कर देते है। इस वसूली का पैसा थानों से लेकर उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचता हैं।
स्लाटरों की आनलाइन मानीटरिंग पर भी उठते हैं सवाल: जिला प्रशासन के दावे हैं कि स्लाटर हाउसों की आन लाइन मानीटरिंग होती है। जिसके लिए हर स्लाटर हाउस में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। चोरी की भैंसे फैक्ट्री में पहुंच जाना इस बात का प्रमाण है कि जिले में संचालित मशीनी कत्लखानों में निर्धारित से अधिक मवेशियों को चोरी छिपे कत्लेआम हो रहा है। जो पूरी तरह से व्यवस्था पर सवाल खड़े करता नजर आता है।
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