खटीमा: पानी की तलाश में आबादी से सटे जंगल में पहुंचा हाथियों का झुंड, ग्रामीणों में दहशत

खटीमा, अमृत विचार। बरसात न होने से जंगलों के पेयजल स्रोतों में भी पानी का स्तर गिरने लगा है। जिससे वन्य जीवों की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं और वो आबादी की ओर रुख करने लगे हैं। शुक्रवार की रात भी हाथी झुंड आबादी की ओर आ गया जिसको रोकने के लिए कर्मियों को मशक्कत करनी …
खटीमा, अमृत विचार। बरसात न होने से जंगलों के पेयजल स्रोतों में भी पानी का स्तर गिरने लगा है। जिससे वन्य जीवों की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं और वो आबादी की ओर रुख करने लगे हैं। शुक्रवार की रात भी हाथी झुंड आबादी की ओर आ गया जिसको रोकने के लिए कर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी।
रेंजर जीवन चंद्र उप्रेती के अनुसार वन उप प्रभाग के अकेले किलपुरा वन रेंज में तीन प्रमुख पेयजल स्रोतों में पानी कम होने से हाथी झुंड पानी की तलाश में आबादी की ओर बढ़ रहे हैं। आबादी से सटे जंगल में एक अकेले टस्कर के साथ ही दो झुंडों में 15-16 हाथी विचरण कर रहे। रेंजर उप्रेती ने ग्रामीणों को जंगल में अधिक अंदर जाने से बचने की सलाह दी है।
बता दें कि उप प्रभाग के खटीमा, किलपुरा व सुरई रेंज में किलपुरा रेंज का हिस्सा हल्द्वानी के जंगलों से लगा है। इससे हाथियों का विचरण रहता है। वर्तमान में भीषण गर्मी पड़ने व बरसात का क्रम धीमा होने से जंगलों के पेयजल स्त्रोतों का पानी घटने लगा है। रेंजर जीवन चंद्र उप्रेती ने बताया कि शुक्रवार की रात भी पानी की तलाश में एक बाघ, हाथियों के झुंड आबादी से सटे रेंज के नर्सरी से सटे क्षेत्र में पहुंच गए।
रात करीब 10 से 12 बजे तक वन कर्मियों ने हाथियों को वापस जंगल की ओर भगाया। उन्होंने बताया कि रेंज में जंगली जानवरों के लिए दोगाड़ी, चटिया के पास व पंथागोठ में पानी के स्रोत हैं। इनमें पानी गिरने से वन्य जीव पानी की तलाश में भटक रहे हैं। उन्होंने बताया कि जंगल में विभाग की ओर से भी पानी के स्टोर बनाए हैं, लेकिन गर्मी अधिक होने से दिक्कत बनी हुई है। शुक्रवार की रात वन विभाग की टीम में शामिल वन कर्मी रमेश आर्या, किशोर, हरीश, कृष्णपाल, रोहित आदि हाथी झुंडों को आबादी में आने से रोकने में जुटे रहे।