मुरादाबाद : आईएएस टॉपर श्रुति शर्मा बोलीं- परीक्षा के लिए सिलेबस महत्वपूर्ण और उसे समझना जरूरी

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत पंचायत भवन सभागार में सम्मान समारोह में देश के सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2021 के टॉपर्स और मंडल के जिलों के निवासी जब एक मंच पर एकत्रित हुए तो पूरा सभागार धन्य हो उठा। इन मेधावियों ने सफलता की इबारत लिख मंडल ही नहीं …
मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत पंचायत भवन सभागार में सम्मान समारोह में देश के सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2021 के टॉपर्स और मंडल के जिलों के निवासी जब एक मंच पर एकत्रित हुए तो पूरा सभागार धन्य हो उठा। इन मेधावियों ने सफलता की इबारत लिख मंडल ही नहीं पूरे देश में गौरव बढ़ाया। सिविल सेवा परीक्षा 2021 की टॉपर बिजनौर जिले की श्रुति शर्मा, छठीं रैंक पाने वाले यक्ष चौधरी, 176वीं रैंक की स्मृति भारद्वाज और 225वीं रैंक लाने वाले आदित्यराज ने सफलता पाने के लिए खुद की तैयारी और आशा-निराशा के दौर की कहानी साझा की। इन्होंने सफलता के लिए जरूरी टिप्स देकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों को राह दिखाई। टाॅपर्स ने कहा कि जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पर निगाह है, मैंने रास्ते में कभी मील का पत्थर नहीं देखा, यह जज्बा सफलता के लिए होना चाहिए।
टॉपर्स कहीं और से नहीं, इसी समाज के बीच से आते हैं (श्रुति शर्मा, पहली रैंक)
बात करते हैं मुरादाबाद मंडल के बिजनौर जिले की रहने वालीं श्रुति शर्मा की। वह सम्मान समारोह में अपने पिता सुनील दत्त शर्मा के साथ आईं थीं। सिविल सेवा परीक्षा में नंबर एक रैंक पर आने वाली श्रुति शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा कैंब्रिज स्कूल दिल्ली से हुई। उन्होंने सेंट स्टीफेन कालेज से स्नातक किया। उनके पिता सुनील दत्त शर्मा आर्किटेक्ट हैं। श्रुति ने बताया कि टाॅपर्स कहीं और से नहीं इसी समाज के बीच से आते हैं। उनका मानना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में सिलेबस को समझना जरूरी है। पिछले साल के सवालों पर गौर करना है। मार्गदर्शन बहुत जरूरी है। बोलीं कि इनर मोटीवेशन की जरूरत होती है। उतार-चढ़ाव रहता है, इस पर घबराएं नहीं। पढ़ाई के घंटे नहीं, ब्लकि लगन व दृढ़ता महत्वपूर्ण है।
माध्यम किसी भी भाषा में हो पकड़ अच्छी होनी चाहिए (यक्ष चौधरी- छठीं रैंक)
यक्ष चौधरी अमरोहा के निवासी हैं। वह कृषक परिवार से हैं। उन्होंने अमरोहा से स्कूलिंग शुरु कर आईआईटी गुवाहाटी से सिविल इंजीनियरिंग की। उनका कहना है कि जिस भी परीक्षा में बैठें इसके लिए लक्ष्य निर्धारित कर उस दिशा में बढ़े। अपनी प्रतियोगी परीक्षा की डिमांड पर नजर रखें। समझ विकसित करें और लक्ष्य की ओर धीरे-धीरे बढ़ते रहने की टिप्स यक्ष ने दिए। कहा, माध्यम किसी भी भाषा में हो उस पर पकड़ अच्छी होनी चाहिए।
छोटे भाई से मिली उम्मीद तो हासिल की सफलता ( स्मृति भारद्वाज-176 रैंक)
स्मृति ने 10वीं और बारहवीं की पढ़ाई सेंट मेरी स्कूल बिजनौर से की। उन्होंने बताया कि 2019 से सिविल सेवा की तैयारी शुरु की। पहले प्रयास में प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई। दूसरे प्रयास में मेंस तक पहुंची और तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर 176वीं रैंक पाई। उनका कहना है कि जिज्ञासा रखना जरूरी है। सतत प्रयास करें, तैयारी में निरंतरता जरूरी है। कभी निराश न हों, मोटीवेशन पर ध्यान रखें। अनुशासित होकर तैयारी में लगे रहें।
मां को बताया प्रेरणास्रोत (आदित्यराज- 225वीं रैंक)
मुरादाबाद के आदित्य राज ने हाईस्कूल पीएमएस मुरादाबाद से उतीर्ण किया। इसके बाद डीपीएस दिल्ली से इंटर पास किया। आगे की पढ़ाई यहीं से हुई। तीसरे प्रयास में उन्हें 225वीं रैंक मिली। कहा, परीक्षा के लिए सिलेबस महत्वपूर्ण है। उसे समझना जरूरी है। पिछले वर्षों के सवालों पर नजर रखें। कुछ सवाल और थीम रिपीट हो जाते हैं। स्मार्ट स्टडीज और सतत अभ्यास को उन्होंने जरूरी बताया। कहा कि माक इंटरव्यू का घर में ही अभ्यास करें, परिजनों से ही कहें कि आप से सवाल पूछें और आप जवाब दें।
ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : टीबी का मरीज लाओ, पांच सौ रुपये पाओ