अयोध्या: जमुना प्रसाद उपाध्याय के साथ हुए उत्पीड़न पर कवियों में दिखा आक्रोश, कुमार विश्वास ने डीएम को लगाया फोन

अयोध्या: जमुना प्रसाद उपाध्याय के साथ हुए उत्पीड़न पर कवियों में दिखा आक्रोश, कुमार विश्वास ने डीएम को लगाया फोन

अयोध्या। प्रसिद्ध जनकवि जमुना प्रसाद उपाध्याय के साथ हुए उत्पीड़न की खबर जैसे ही अमृत विचार ने सोशल मीडिया पर चलाई तो साहित्य जगत में तहलका मच गया। देश भर के तमाम कवि अयोध्या प्रशासन की भर्त्सना करने में जुट गए। मामला जैसे ही कवि कुमार विश्वास के कान तक पहुंचा तो उन्होंने देर रात …

अयोध्या। प्रसिद्ध जनकवि जमुना प्रसाद उपाध्याय के साथ हुए उत्पीड़न की खबर जैसे ही अमृत विचार ने सोशल मीडिया पर चलाई तो साहित्य जगत में तहलका मच गया। देश भर के तमाम कवि अयोध्या प्रशासन की भर्त्सना करने में जुट गए।

अमृत विचार में 9 जून को अयोध्या संस्करण में प्रकाशित खबर।

मामला जैसे ही कवि कुमार विश्वास के कान तक पहुंचा तो उन्होंने देर रात ही डीएम नितीश कुमार व आईजी कवींद्र प्रताप सिंह से जमुना प्रसाद के साथ हो रही ज्यादती की शिकायत दर्ज कराई।

उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो यह लड़ाई और आगे तक ले जाएंगे। फिर क्या? इसके बाद तो डीएम ने मौके पर अधीनस्थ अधिकारियों की टीम को भेज दिया। साथ ही पीड़ित कवि को फ़ोन पर आश्वासन दिया है कि उनके साथ किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।

मामला उनके निजी बाग पर पंचायत भवन के नाम पर हो रहे अवैध कब्जे से जुड़ा है। बीकापुर तहसील के पुंहपी गांव निवासी जाने-माने कवि शायर जमुना प्रसाद उपाध्याय वर्तमान व्यवस्था से इतने व्यथित हैं कि बुधवार को अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए रो पड़े थे। बोले – यहां न्याय मांगना भी अपराध है क्या? उन्होंने कहा कि लेखपाल धमकी दे रहा है कि तुम ऐसे नहीं मानोगे, फोर्स लेकर आऊंगा तब देखना।

उन्होंने बताया कि अयोध्या सांसद और विधायक के कहने के बावजूद तहसील प्रशासन हमारी मुस्तरका बाग में पंचायत भवन बनवाने के लिए गढ्ढे बना दिए गए हैं, जबकि बाग के बाग 24 एयर ज़मीन ग्राम समाज की है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी उनके बाग की 85 एयर जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। जन कवि ने बताया था कि 24 एयर जमीन पर न तो हमारा कोई पेड़ है और न ही निर्माण।

प्रधान और लेखपाल की साजिश से नाप जोख हमारी बाग में कर दिए हैं। यहां तक कि कब्जा करने के लिए गड्डे तक खुदवा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को लेखपाल ने सूचना दी थी कि भूमि नापने के लिए आएंगे, लेकिन दिन भर प्रतीक्षा के बाद भी नहीं आए। वे सुबह से ही परिवार के लोगों के साथ बाग में इंतजार करते रहे।

जमुना प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि जब उन्होंने लेखपाल को फोन किया तो उसने कहा अब मैं फोर्स लेकर आऊंगा और नींव भरवाऊंगा। व्यवस्था के दंश से आहत जमुना प्रसाद उपाध्याय ने कहा था कि ‘ मैं मानसिक रूप से थक गया हूं, हमारा लेखन प्रभावित हो रहा है। यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ और हमारे ऊपर प्रेशर बनाकर जमीन कब्जा की गई तो आत्मदाह कर लूंगा।

उन्होंने कहा था कि इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रधान लेखपाल और तहसील प्रशासन की होगी। फिलहाल डीएम ने उन्हें आश्वासन दिया है उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।

निंदा होते बैकफुट पर आया प्रशासन

जब देशभर में इसकी निंदा शुरू हुई तो जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने अयोध्या के आईजी और जिलाधिकारी को फोन करके आपत्ति दर्ज कराई है। कुमार विश्वास ने कहा है जरूरत पड़ी तो यह लड़ाई आगे भी जाएगी।

अमृत विचार में प्रकाशित खबर में जमुना प्रसाद उपाध्याय के साथ हुए उत्पीड़न से साहित्य जगत के तमाम लेखक और कवि गुस्से में हैं। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अधीनस्थ अधिकारियों को मौके पर भेजा है। जिलाधिकारी का कहना है कि उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। सवाल यह है कि उत्पीड़न की स्थित पैदा करने वाले राजस्व अमले पर कारवाई होगी या नहीं।

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