बरेली: कार्बन फाइनेंस स्कीम से किसानों पर पेड़ों से बरसेगा धन

बरेली: कार्बन फाइनेंस स्कीम से किसानों पर पेड़ों से बरसेगा धन

बरेली, अमृत विचार। अधिकतर लोग अपने खेतों के किनारे यूकेलिप्टिस, सागौन, पापुलर जैसे पौधे लगाते हैं। यह पेड़ सबसे अधिक कार्बन का अवशोषण करते हैं। जिससे हमारा वातारण स्वच्छ होता है। अब कार्बन फाइनेंस स्कीम के जरिए इन पेड़ों को लगाने वाले किसानों को भुगतान किया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान अपने खेतों में …

बरेली, अमृत विचार। अधिकतर लोग अपने खेतों के किनारे यूकेलिप्टिस, सागौन, पापुलर जैसे पौधे लगाते हैं। यह पेड़ सबसे अधिक कार्बन का अवशोषण करते हैं। जिससे हमारा वातारण स्वच्छ होता है। अब कार्बन फाइनेंस स्कीम के जरिए इन पेड़ों को लगाने वाले किसानों को भुगतान किया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान अपने खेतों में इन पेड़ों को लगाएं। इस स्कीम का पूरा काम टेरी ( उर्जा एवं संसाधन संस्थान) के माध्यम से किया जा रहा है।

मंगलवार को विकास भवन सभागार में टेरी और वन विभाग के अधिकारियों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें टेरी के सीनियर डायरेक्टर जेबी शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। पेड़-पौधे कार्बन के सबसे बड़े अवशोषक हैं।

टेरी द्वारा कार्बन फाइनेंस स्कीम चलाई जा रही है। जिसके लिए बरेली मंडल को भी शामिल किया गया है। कार्बन फाइनेंस स्कीम के तहत ऐसे किसान जिन्होंने अपने खेतों और मेढ़ों पर पापुलर, यूकेलिप्टिस, आम, व सागौन के पौधों का रोपण वर्ष 2018, 2019, 2020 और 2021 में किया। उनका डेटा निर्धारित फार्म भरवाकर तैयार किया जाएगा।

बाद में कार्बन क्रेडिट स्कीम के तहत अगले 18 माह के अंदर धनराशि का भुगतान कार्बन फाइनेंस स्कीम के माध्यम से किया जाएगा। जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी। इस दौरान सीनियर डायरेक्टर टेरी जेबी शर्मा, मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार वर्मा, डीएफओ बरेली समीर कुमार, विजय सिंह वन संरक्षक, डीएफओ बदायूं एके सिंह के अलावा मंडल के तमाम वनाधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

6 डालर प्रति टन के हिसाब से होगा भुगतान
किसानों को 6 डालर प्रति टन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। जो लगभग 350 रुपये के आसपास बैठता है। खेतों में लगाए गए पेड़ कितना कार्बन अवशोषित कर रहे हैं इस आंकलन के आधार पर भुगतान होगा। आम तौर पर पापुलर और यूकेलिप्टिस का पेड़ पांच साल में तैयार हो जाता है। लगाए जाने से काटे जाने तक समय तक जितना कार्बन अवशोषण होगा उतना भुगतान किया जाएगा। माना जाता है कि सागौन और यूकेलिप्टिस के पेड़ सबसे अधिक कार्बन का अवशोषण करते हैं।

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