बरेली मंडल का लिंगानुपात देश व प्रदेश से बेहतर- नीता अहिरवार

बरेली मंडल का लिंगानुपात देश व प्रदेश से बेहतर- नीता अहिरवार

अमृत विचार, बरेली। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के मुताबिक बरेली मंडल का लिंंगानुपात देश और प्रदेश बेहतर है। यह बात महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक नीता अहिरवार ने शुक्रवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) संस्था के सहयोग से एक निजी होटल में आयोजित जागरूक मीडिया कार्यशाला में कही। …

अमृत विचार, बरेली। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के मुताबिक बरेली मंडल का लिंंगानुपात देश और प्रदेश बेहतर है। यह बात महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक नीता अहिरवार ने शुक्रवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) संस्था के सहयोग से एक निजी होटल में आयोजित जागरूक मीडिया कार्यशाला में कही।

इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य मिथिलेश अग्रवाल ने मिशन शक्ति कैलेंडर का विमोचन भी किया। कार्यशाला में बरेली मंडल के सभी जिलों के डीपीओ, जेडी चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. वागीश वैश्य, रीजनल कोऑर्डिनेटर रूबी बानो, डिस्टिक कोआर्डिनेटर शिवानी सक्सेना और पीलीभीत कोऑर्डिनेटर हुस्ना मौजूद रही।

981 लड़कों पर 1084 लड़कियां
नीता अहिरवार ने बताया कि एनएफएचएस -5 के आंकड़ों के मुताबिक बरेली में 1071 लड़कों पर 1084 लड़कियों का लिंगानुपात है। शाहजहांपुर में 981 लड़कों पर 1064 लड़कियां हैं। बरेली एवं शाहजहांपुर में लिंगानुपात के अनुसार लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया – पीएम केयर योजना के अंतर्गत कोविड से जिन बच्चों के माता पिता दोनों की मृत्यु हो गई है उन्हें 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, शिक्षा के लिए केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, राशन आदि सुविधा मई में देने की योजना है।

उपनिदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कोविड के दौरान अपने एक या दोनों अभिभावक खो देने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना चलाई जा रही है। इसमें उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह की सहायता प्रदान की जाती है। मंडल में ऐसे 446 बच्चों को अब तक लाभान्वित किया गया है। बरेली मंडल के कुल 43 पात्र बच्चों को लैपटॉप प्रदान किया जा चुका है। जल्द ही बरेली के 23 बच्चों को लैपटॉप दिया जाएगा।

70 फीसदी महिलाएं अभी भी सशक्तीकरण से दूर
इससे पहले राज्य महिला आयोग की सदस्य मिथिलेश अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में सभी महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं आसीन हैं, इसलिए सोचा जाता है कि मिशन शक्ति की क्या जरूरत है। शहरों की 30 फीसद महिलाएं जागरूक हो चुकी हैं लेकिन ग्रामीणों में बची 70 फीसद महिलाओं के लिए अभी भी सशक्तिकरण की बहुत जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मिशन शक्ति एक वरदान के रूप में सामने आया है। इस कार्यक्रम की सोच यही है कि अगर भ्रूण हत्या होती रहेगी तो न बेटी बचेगी न बेटी पढ़ेंगी। लखनऊ से आए महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा ने आगामी कार्य योजना के बारे में बताया कि विभाग की ओर से ऑपरेशन मुक्ति का आयोजन किया जाएगा।

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