गजब हाल! नशेड़ियों के आतंक से परेशान हल्द्वानी का सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल, इसलिए बंद करने पड़ते हैं गेट

हल्द्वानी, अमृत विचार। हल्द्वानी ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से आने वाले मरीजों को उपचार देने वाले सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल के तीन प्रवेश द्वार इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। गेट नंबर एक, दो और तीन के माध्यम से मरीज अस्पताल में प्रवेश करते हैं। ऐसे में दोपहर दो बजे …
हल्द्वानी, अमृत विचार। हल्द्वानी ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से आने वाले मरीजों को उपचार देने वाले सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल के तीन प्रवेश द्वार इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। गेट नंबर एक, दो और तीन के माध्यम से मरीज अस्पताल में प्रवेश करते हैं। ऐसे में दोपहर दो बजे के बाद बेस अस्पताल के गेट नंबर दो और तीन को बंद कर दिया जा रहा है। इस दौरान गेट नंबर एक से मरीजों के लिए खोला जा रहा है।
अब आप कहेंगे आखिर अस्पताल प्रबंधन ने दो गेटों को बंद करने का यह फैसला क्यों लिया? इसका जवाब भी आपको देते हैं। दरअसल बाजार क्षेत्र में स्थित सोबन सिंह जीना सरकारी अस्पताल लंबे समय से नशेड़ियों के आतंक से परेशान है। आलम यह है कि नशेड़ियों की अस्पताल में इंट्री रोकने के लिए ब्लड बैंक के पास दीवार को भी ऊंचा करना पड़ गया। बावजूद इसके अस्पताल में चोरी की घटनाएं बदस्तूर जारी हैं।

यही वजह है कि पीएमएस कार्यालय से सीसीटीवी के माध्यम से अस्पताल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। बताते चलें कि बेस अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर के कॉमन रूम में लगाया गया टीवी भी नशेड़ियों ने चोरी कर लिया। बीते दिनों सेंटर आई एक महिला का बैग उठाकर नशेड़ी उसमें स्टेबलाइजर चोरी करके ले जा रहा था। ऐन वक्त पर महिला ने बैग पहचान लिया और नशेड़ी पकड़ा गया। मामले में कुछ नशेड़ियों को पुलिस के हवाले भी किया गया लेकिन फिर भी नशेड़ियों का आतंक कम नहीं हो रहा है।
बेखौफ नशेड़ी अभी तक अस्पताल के दो एसी के पाइप, ऑक्सीजन प्लांट के कॉपर की लाइन समेत पर्ची काउंटर पर रखे कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर समेत काफी सामान चोरी कर चुके हैं। शिकायत के बावजूद पुलिस मामले में टाल-मटोल कर रही है। यही वजह है कि नशेड़ियों के डर से दोपहर दो बजे बाद अस्पताल के गेट नंबर दो और तीन को बंद कर दिया जा रहा है। इस दौरान नैनीताल रोड की ओर से इमरजेंसी गेट नंबर 1 खोला जा रहा है। ऐसे में बाजार क्षेत्र के दोनों गेट बंद होने से मरीजों और तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नशेड़ियों ने बेस अस्पताल के भीतर ब्लड बैंक व टीबी सेंटर के बीच की गली को नशे का अड्डा बना रखा है। नशेड़ी हमला न कर दें इसके चलते पीआरडी जवान भी उनसे कुछ कहने से बचते हैं। ऐसा नहीं है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की गई हो लेकिन पुलिस की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं होने से अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है। अब बढ़ती चोरी की घटनाओं से निपटने को अस्पताल ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर चार पीआरडी के जवानों की मांग की है।
अस्पताल प्रबंधन को उम्मीद है कि पीआरडी जवानों के मिलने से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। बेस अस्पताल की पीएमएस डॉ. सविता हयांकी ने बताया कि मुख्य बाजार में अस्पताल होने की वजह से मरीजों के अलावा आसपास के दुकानदार और राहगीर भी अपने वाहन खड़ा करने और शौचालय के लिए बेस अस्पताल आते हैं। यही नहीं आए दिन नशेड़ी और अराजकतत्वों की वजह से अस्पताल में चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं।
वर्तमान में 10 पीआरडी जवान तीन गेटों पर सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं, लेकिन तीन शिफ्ट की ड्यूटी के लिए अभी भी सुरक्षा कर्मियों की कमी बनी हुई है। यही वजह है कि अस्पताल के गेट नंबर दो और तीन को दोपहर 2 बजे बाद बंद कर दिया जा रहा है, इस दौरान गेट नंबर एक खुला रहता है। उन्होंने कहा कि गेट बंद रहने से अराजकतत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। अगर इस व्यवस्था से मरीजों को कोई दिक्कत जैसी बात सामने आएगी तो समाधान किया जाएगा।