उत्तराखंड: कुमाऊंनी पिछौड़ा, मोमबत्ती, लीची और आडू को मिलेगी वैश्विक पहचान, ये है वजह

उत्तराखंड: कुमाऊंनी पिछौड़ा, मोमबत्ती, लीची और आडू को मिलेगी वैश्विक पहचान, ये है वजह

हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल की मोमबत्ती, कुमाऊंनी पिछौड़ा, रामनगर की लीची और रामगढ़ के आडू को अब वैश्विक पहचान मिलेगी। जिला प्रशासन ने जिले के इन चार उत्पादों को जियोग्राफिकल इंडिकेशन दिलाने की कवायद शुरू की है। इससे पारंपरिक कलाकारों और किसानों के उत्पादों की पहचान के साथ ही आर्थिक लाभ भी मिलेगा। बताते चलें …

हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल की मोमबत्ती, कुमाऊंनी पिछौड़ा, रामनगर की लीची और रामगढ़ के आडू को अब वैश्विक पहचान मिलेगी। जिला प्रशासन ने जिले के इन चार उत्पादों को जियोग्राफिकल इंडिकेशन दिलाने की कवायद शुरू की है। इससे पारंपरिक कलाकारों और किसानों के उत्पादों की पहचान के साथ ही आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

बताते चलें कि नैनीताल में बिकने वाली आकर्षक और सजावटी मोमबत्ती यहां आने वाले हर पर्यटक को अपना मुरीद बना देती हैं। यही वजह है कि यहां देश-दुनिया से आने वाले पर्यटक इन मोमबत्तियों की खरीदारी करना नहीं भूलते। वहीं रामगढ़ का आडू़, रामनगर की लीची और कुमाऊंनी पिछौड़े की अपनी अलग पहचान है।

मुख्य विकास अधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि चारों उत्पादों को जीआइ टैग दिलाने को लेकर एक साल से ही कार्य किया जा रहा था। मोमबत्ती और पिछौड़े के लिए आवेदन चेन्नई स्थित पंजीकरण कार्यालय को भेजा जा चुका है। आड़ू व लीची के लिए भी सप्ताह भर में आवेदन कर दिया जाएगा। मोमबत्ती और पिछौड़े के लिए उद्योग विभाग और आडू़ व लीची के लिए रामगढ़ निवासी पद्मश्री सौरभ श्रीवास्तव की ओर से आर्थिक सहयोग भी किया गया है।