नैनीताल: अतिक्रमणकारियों को कहां विस्थापित कर सकते हैं? हाईकोर्ट ने मांगा निगम और सरकार से छह हफ्ते में जवाब

नैनीताल: अतिक्रमणकारियों को कहां विस्थापित कर सकते हैं? हाईकोर्ट ने मांगा निगम और सरकार से छह हफ्ते में जवाब

नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने मछली मार्केट में अतिक्रमण हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नगर निगम एवं सरकार से छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने नगर निगम व सरकार से पूछा है कि …

नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने मछली मार्केट में अतिक्रमण हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नगर निगम एवं सरकार से छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।

खंडपीठ ने नगर निगम व सरकार से पूछा है कि अतिक्रमणकारियों को कहां विस्थापित किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत की तरफ से खंडपीठ को अवगत कराया गया कि इनके द्वारा सरकार की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। प्रशासन व नगर निगम ने इनसे अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस 31 मार्च को जारी किया था, साथ में यह भी कहा था कि जिनके पास वैध लाइसेंस हैं उनको दिखाएं और अपना पक्ष रखें। परन्तु इनके द्वारा निर्धारित समय पर कोई सुबूत पेश नहीं किया गया इसलिए प्रशाशन ने सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण को हटा दिया।

मामले के अनुसार, हल्द्वानी निवासी विजय पाल सिंह एवं अन्य ने याचिका दायर कर कहा कि वे सन 1960 से उक्त स्थान पर मीट का कारोबार करते आए हैं। नगर निगम ने उन्हें इसका लाइसेंस भी दिया है। हल्द्वानी जब नगर पालिका थी, उस समय पालिका ने दो मीट मार्केट चोरगलिया व रामपुर रोड पर बनाये थे और उसका संचालन पालिका ही करती थी। निगम बनने से इस स्थान पर निगम द्वारा पक्की दुकानें बनाकर अन्य को दे दी गयीं। उसके बाद मीट कारोबारियो को यहां शिफ्ट कर दिया गया।

तब से वे इस स्थान पर मीट कारोबार करते आ रहे हैं। निगम द्वारा उन्हें 31 मार्च को नोटिस दिया गया और 4 अप्रैल को ध्वस्तीकरण के आदेश दे दिए गए। उन्हें सुनवाई का मौका तक नही दिया गया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब तक उन्हें अन्य जगह पर विस्थापित नहीं किया जाता, तब तक उन्हें इस क्षेत्र में मीट का कारोबार करने की अनुमति प्रदान की जाये। याचिका में सचिव, नगर विकास, डीएम नैनीताल, एसडीएम हल्द्वानी, एसएसपी नैनीताल और एसएचओ कोतवाली हल्द्वानी को पक्षकार बनाया गया है।