पीलीभीत: पीटीआर के पास पक्षी संरक्षण के इंतजाम नहीं

पीलीभीत,अमृत विचार। वन्यजीवों के साथ ही अब पक्षियों को भी पीलीभीत टाइगर रिजर्व कीआबोहवा रास आने लगी है। बेहतर जलवायु और अनुकूल वातारण के चलते अब यहां प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं। बढ़ती जैव विविधता के बावजूद पीटीआर के पास पक्षी संरक्षण के कोई इंतजाम नहीं हैं। जनपद का जंगल मात्र बाघों के लिए …
पीलीभीत,अमृत विचार। वन्यजीवों के साथ ही अब पक्षियों को भी पीलीभीत टाइगर रिजर्व कीआबोहवा रास आने लगी है। बेहतर जलवायु और अनुकूल वातारण के चलते अब यहां प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं। बढ़ती जैव विविधता के बावजूद पीटीआर के पास पक्षी संरक्षण के कोई इंतजाम नहीं हैं।
जनपद का जंगल मात्र बाघों के लिए ही नहीं, बल्कि विभिन्न प्रजाति के पक्षियों के लिए भी जाना जाता है। टाइगर रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक पीटीआर में पक्षियों की लगभग 326 प्रजातियां पाई जाती हैं। पीटीआर के लिए यह बड़ी उपलब्धि की बात है मगर इन सबके बीच पक्षियों के संरक्षण को लेकर यहां कभी कोई प्रयास नहीं किए गए। विशेषज्ञों के मुताबिक बदलती जलवायु और वास स्थलों में कमी के कारण पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
तत्कालीन सपा सरकार के वन राज्यमंत्री फरीद महमूद किदवई ने उस दौरान वाइफरकेशन में पक्षियों से संबंधित हुए एक कार्यक्रम में पक्षी संरक्षण के ठोस इंतजाम करने के निर्देश दिए थे मगर, उनके आदेश को कोई तवज्जो नहीं दी गई। टरक्वाइज वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसायटी के अख्तर मियां के मुताबिक यहां वैश्विक स्तर के कुछ ऐसे पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं जो शेड्यूल वन से भी ऊपर हैं। सात समंदर पार से साइबेरियन पक्षी भी बड़ी संख्या में शारदा सागर डैम और बिलसंडा के पसगवां जलाशय में आते हैं और करीब तीन माह के विचरण के बाद यहां से लौट जाते हैं।
टरक्वाइज वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष अख्तर मियां ने बताया कि यहां जिन प्रजातियों के पक्षी देखे जा रहे हैं, उसे देखते हुए यहां पक्षी संरक्षण की माकूल व्यवस्था की जानी चाहिए। उनके मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग, वासस्थलों पर मानवीय दखंलदाजी, जंगलों में फायर सीजन के दौरान आग लगाने समेत कई ऐसे कारण हैं जिनसे इन पक्षियों पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं।
बेहतर जलवायु और बढ़ती जैवविविधता से पक्षियों की प्रजातियों में वृद्धि देखी जा रही है। कुछ वैश्विक स्तर की प्रजातियां भी देखने को मिल रही हैं। पीटीआर में पक्षी संरक्षण के कोई अलग से इंतजाम नहीं है। वन्यजीवों के साथ इन पर भी निगाह रखी जा रही है। —नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व।
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