लखनऊ: कुपोषण और टीबी के बीच है गहरा रिश्ता, मधुमेह होने पर भी बढ़ जाता है खतरा

लखनऊ। विश्व टीबी दिवस को लेकर संजय गांधी पीजीआई में मंगलवार को सीएमई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केजीएमयू के रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.सूर्यकांत ने बताया कि जब तक कुपोषण को समाप्त नहीं किया जाएगा तब तक भारत से टीबी को समाप्त करना मुश्किल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुपोषण के …
लखनऊ। विश्व टीबी दिवस को लेकर संजय गांधी पीजीआई में मंगलवार को सीएमई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केजीएमयू के रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.सूर्यकांत ने बताया कि जब तक कुपोषण को समाप्त नहीं किया जाएगा तब तक भारत से टीबी को समाप्त करना मुश्किल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुपोषण के खिलाफ हमको लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों, महिलाओं ,गर्भवती महिलाओं का कुपोषण ज्यादा सामने आता है और कुपोषित व्यक्ति को टीबी होने का खतरा ज्यादा होता है।
उन्होंने बताया कि यही कुपोषण सबसे बड़ा चैलेंज बनकर खड़ा है, 2025 तक टीबी को भारत से पूरी तरह खत्म करने में। इसके अलावा मधुमेह एक बड़ा खतरा है,जो लोग मधुमेह से पीड़ित हैं उन्हें टीबी संक्रमण का खतरा 4 गुना अधिक होता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि धूम्रपान तथा वायु प्रदूषण टीबी के खतरे को बढ़ाता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि टीबी के बैक्टीरिया से बचने के लिए रोजाना 5 मिनट तक सूर्य का प्रकाश लेना चाहिए।
एसजीपीजीआई पल्मोनरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक नाथ ने बताया कि भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि साल 2025 तक टीबी रोग पर नियंत्रण हो सके,उसका उन्मूलन हो सके। उन्होंने बताया कि टीबी ठीक ना होने का केवल एक ही कारण नहीं है,इसमें इम्युनिटी का बड़ा रोल है। उन्होंने बताया कि जो लोग किडनी, लीवर,मधुमेह तथा एचआईवी जैसी बीमारी से ग्रसित होते हैं,उन पर टीबी की दवाइयों का असर कम होता है।
कार्यक्रम के अवसर पर कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिए एसजीपीजीआई परिवार के सदस्यों में प्रो. अमिता अग्रवाल, प्रो. शुभा फड़के, प्रो. पुनीता लाल, प्रो. प्रीति दबडगांव, प्रो. विनीता अग्रवाल, संजय जैन, भावना आर्य, दीपा खेतान, डॉ. मोइनक सेन शर्मा शामिल थे। वे इन बच्चों के इलाज की निगरानी करने के साथ-साथ उन्हें पोषण संबंधी सहायता भी मुहैया कराएंगे।
यह भी पढ़ें:-बाराबंकी: एसपी ने थाने का निरीक्षण कर चौकीदारों से किया संवाद, मांगा सक्रिय सहयोग