बरेली: 11 लाख के बकाये पर अनेजा के एड्रेसला की बत्ती गुल

बरेली, अमृत विचार। करीब 100 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी में जेल में बंद शराब कारोबारी प्रणय अनेजा के एड्रेसला अपार्टमेंट का करीब 11 लाख रुपये का बिजली बिल जमा नहीं हुआ था। इस पर शुक्रवार सुबह बिजली विभाग के अफसरों ने सख्ती दिखाते हुए एड्रेसला अपार्टमेंट की बत्ती गुल कर दी। इस बकाये में मार्च …
बरेली, अमृत विचार। करीब 100 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी में जेल में बंद शराब कारोबारी प्रणय अनेजा के एड्रेसला अपार्टमेंट का करीब 11 लाख रुपये का बिजली बिल जमा नहीं हुआ था। इस पर शुक्रवार सुबह बिजली विभाग के अफसरों ने सख्ती दिखाते हुए एड्रेसला अपार्टमेंट की बत्ती गुल कर दी। इस बकाये में मार्च का बिल भी शामिल किया जाए तो यह धनराशि 16 लाख रुपए हो रही है।
दिन भर अफसरों ने अपार्टमेंट की बिजली नहीं जोड़ी लेकिन देर शाम 8 बजे बिना कोई शुल्क जमा कराए बिजली जोड़ दी गई। अफसरों की शराब कारोबारी पर यह मेहरबानी शहरभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। आम उपभोक्ता के बकाये पर बिजली काटने पर अफसर आधा पैसा मौके पर जमा करवाते हैं और बिजली काटने और जोड़ने का शुल्क भी उपभोक्ता से वसूलते हैं। अनेजा ग्रुप के इस भवन पर अफसरों ने बिना कुछ जमा कराए ही बिजली जोड़ दी है।
आईजी कार्यालय के पास शराब कारोबारी प्रणय अनेजा के एड्रेसला अपार्टमेंट पर शुरू से ही अफसर मेहरबान रहे हैं। सपा शासनकाल में बने इस भवन के निर्माण में किसी नियम का पालन नहीं किया गया है और भाजपा के दूसरे कार्यकाल में भी अफसर शराब कारोबारी पर मेहरबानी बरसाने से चूक नहीं रहे हैं।
विद्युत वितरण खंड प्रथम के तहत आने वाले इस भवन पर 11 लाख के बकाये पर सुबह बिजली काट दी गई। शहर के सबसे महंगे और पॉश इलाके में रहने वाले लोग भी ओहदेदार, उद्यमी और बड़े कारोबारी हैं। बिजली कटते ही सभी परेशान हो गए। उन्होंने संपर्क का इस्तेमाल किया लेकिन काम नहीं आए। सभी ने हाथ खड़े कर दिए। रात भर बिना बिजली के रहने की कल्पना से भवन में रहने वाले सोसाइटी के सदस्यों में परेशानी बढ़ने लगी और उनमें बिल्डर के प्रति आक्रोश बढ़ने लगा।
आक्रोश का आलम यह था कि सोसाइटी ने वकील के जरिए कोतवाली में बिल्डर के खिलाफ शिकायत भी देने की चर्चा रही। रात होते होते बिजली अफसरों ने यहां की बिजली बकाया राशि लिए बिना ही जोड़ दी। इसी के बाद यह चर्चा हो रही कि विभाग आम उपभोक्ता बिजली नहीं काटने की मिन्नतें करता है तब उसे झिड़क दिया जाता है। बिना बकाया जमा कराए उसकी बिजली नहीं जोड़ी जाती लेकिन टैक्स चोरी में जेल में बंद शराब कारोबारी के भवन पर मेहरबानी करते हुए बिजली अफसरों ने बिना बकाया जमा कराए बिजली जोड़ दी है।
आक्रोशित सोसाइटी के लोगों ने बताया कि उनके घरों में प्रीपेड मीटर लगे हैं। वे हर माह जितना बिजली उपभोग करते उतना पेमेंट करते हैं लेकिन बिल्डर वह पैसा बिजली विभाग में जमा नहीं करता है। यहां कभी आता भी नहीं है। ऐसे में यहां रहने वाले लोग परेशान हैं। लोगों ने बताया कि उन्होंने बिजली विभाग को लिख कर दिया है कि बिल्डर से बकाया बिल वसूल किया जाए। अभी 11 लाख का बिल है और इसमें मार्च का बिल जुड़ेगा तो यह राशि 16 लाख हो जाएगी। इतना पैसा सोसाइटी नहीं जमा कर पाएगी। बिल्डर पैसा जमा नहीं करते तो उसके खिलाफ आरसी जारी करने की बात कही गई है।
सोसाइटी के सदस्यों ने बताया कि बिल्डर ने आवंटियों से किया कोई वायदा पूरा नहीं किया है और अभी तक बेसमेंट में टाइल्स नहीं लगाए। वाकिंग प्लाजा बनाने और स्वीमिंग पूल बनाने की बात कही थी लेकिन कई साल बाद भी इसे पूरा नहीं किया गया है। बिल्डर ने पाइप की रिपेयरिंग भी नहीं कराई है।
दिन भर चला जेनरेटर, एक हजार लीटर डीजल लगा
सुबह बिजली कटने के बाद सोसाइटी के लोगों ने बिल्डर को तलाश किया लेकिन वे फरार रहे। बिजली का उपयोग करने के लिए सोसाइटी के जेनरेटर को चलाया गया। शुरुआत में दो चार लोगों ने अपनी जेब से 500 -500 लीटर दो बार में एक हजार लीटर डीजल मंगवा लिया इससे भवन में बिजली सप्लाई तो चालू रही।
अस्पताल में बगल में मॉल निर्माण कितना सुरक्षित, बीडीए देखे
सोसाइटी के सदस्यों का कहना है कि यही बिल्डर मिशन अस्पताल के पास मॉल का निर्माण करवा रहे हैं। सोसाइटी के बिजली के पैसे को मॉल में लगवा रहे हैं। अस्पताल के पड़ोस में मॉल बनना अस्पताल के लिए सुरक्षित नहीं है। बरेली विकास प्राधिकरण ने मॉल मालिकों से ढाई करोड़ रुपया कंपाउडिंग का जमा तो करवा लिया लेकिन जमीन का स्टेटस नहीं देखा है कि अस्पताल के कितना पास मॉल बनाया जा सकता है। मॉल में कभी कोई हादसा हो गया तो अस्पताल के मरीजों पर कितना असर होगा।
वर्जन–
सोसाइटी के लोगों ने लिखकर दिया है कि यदि बिल्डर पैसा नहीं जमा करेगा तो सोसाइटी के लोग पैसा देंगे। लोग परेशान थे इसलिए बिजली जोड़ दी गई है। इस बात को उच्चाधिकारियों को बता दिया गया है। बिजली जोड़ने के लिए कुछ भी जमा नहीं कराया गया है।
—राजेश शर्मा, अधिशासी अभियंता प्रथम