मुरादाबाद की छह में से पांच सीटों पर सपा का कब्जा, एक भाजपा के खाते में गई

मुरादाबाद की छह में से पांच सीटों पर सपा का कब्जा, एक भाजपा के खाते में गई

मुरादाबाद/अमृत विचार। मुरादाबाद जिला एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के लिए अबूझ पहेली के समान ही बना रहा। 2017 के चुनाव में दो सीट जीतने वाली भाजपा न तो 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी लाज बचा पाई थी और न 2022 के चुनाव में अपनी पिछली सीट ही बरकरार रख पाई। गुरूवार को …

मुरादाबाद/अमृत विचार। मुरादाबाद जिला एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के लिए अबूझ पहेली के समान ही बना रहा। 2017 के चुनाव में दो सीट जीतने वाली भाजपा न तो 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी लाज बचा पाई थी और न 2022 के चुनाव में अपनी पिछली सीट ही बरकरार रख पाई। गुरूवार को जिले में छह में से पांच सीट जीतकर सपा ने अपना परचम लहराया तो किसी तरह नगर सीट पर मामूली अंतर से जीत दर्ज करने से रितेश गुप्ता व पार्टी दोनों की लाज बची।

मुरादाबाद नगर सीट की बात करें तो यहां भाजपा के रितेश गुप्ता 30 राउंड तक 20 हजार के करीब वोटों से पीछे चल रहे थे। लेकिन आखिरी के राउंडों में भाजपा के प्रभाव वाली बेल्ट की ईवीएम खुली तो बाजी पलट गई। 2017 के परिणाम को दोहराते हुए रितेश कुमार गुप्ता ने आखिरकार 148384 वोट हासिल किया। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक युसूफ अंसारी को 147602 मत मिले।

बसपा के इरशाद हुसैन को 14013 वोट मिला। जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी रिजवान कुरैशी को सिर्फ 5351 वोट पाए, उनकी जमानत जब्त हो गई। ठाकुरद्वारा सीट को भाजपा अपने जीत के खाते में पक्की मानकर चल रही थी। लेकिन एड़ी चोटी का जोर लगाने और पार्टी के पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश की प्रतिष्ठा दांव पर होने के बाद भी यह सीट भाजपा को नहीं मिली। इस सीट पर सपा के नवाब जान ने 118296 वोट पाकर जीत का तड़का लगाया। जबकि् दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी विदेश से हाल में लौटे आईटी एक्सपर्ट अजय प्रताप सिंह 107309 मत पाकर दूसरे नंबर पर आए। इस सीट पर बसपा के मुजाहिद अली 20385 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे।

कांठ सीट पर 2017 में भाजपा के राजेश कुमार चुन्नू ने जीतकर कमल खिलाया था। लेकिन इस बार उन्हें समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और सपा के सरकार में मंत्री रह चुके कमाल अख्तर ने यह सीट भाजपा के जबड़े से छीनकर साईकिल को रफ्तार देकर अखिलेश यादव के भरोसे पर खरे उतरे। दूसरे नंबर भाजपा के राजेश कुमार चुन्नू रहे, उन्हें 90280 वोट मिले। तीसरे स्थान पर बसपा के अफाक अली खान रहे। उन्हें 35880 वोट हासिल हुआ।
कुंदरकी सीट पर शुरू में तो कांटे की टक्कर दिखी, लेकिन बाद के राउंड में सपा प्रत्याशी जिया उर रहमान जो कि संभल के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते हैं ने 125465 वोट लेकर जीत दर्ज की।  दूसरे नंबर पर भाजपा के कमल कुमार प्रजापति 82467 वोट पाकर चुनाव हार गए। यहां बसपा प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान को 42645 वोट हासिल हुआ। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी दरक्शा महज 1715 वोट पाईं और उनकी जमानत जब्त हो गई।

बिलारी में समाजवादी पार्टी के मोहम्मद फहीम इरफान ने जीत का परचम लहराकर सपा को जिले में पांच एक की लीड दिलाने में अहम भूमिका निभाई। फहीम को 94983 मत मिले। जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी और पूर्व एमएलसी परमेश्वर लाल सैनी 87503 वोट पाने में कामयाब रहे लेकिन कमल को इस सीट पर मुरझाने से नहीं रोक पाए। यहां बसपा प्रत्याशी अनिल चौधरी तीसरे नंबर पर रहते हुए 42310 वोट पाकर जमानत बचाने में कामयाब रहे। हालांकि महिला को प्राथमिकता देते हुए यहां से कांग्रेस ने कल्पना सिंह को उतारा था लेकिन लड़की हूं लड़ सकती हूं का दांव पूरे प्रदेश में न चलने का असर यहां भी रहा और पार्टी प्रत्याशी सिर्फ 1406 पाकर जमानत भी गंवा बैठी।

मुरादाबाद देहात की सीट भाजपा शुरू से ही कमजोर खाते में मानकर चल रही थी और परिणाम निकलने पर यह सच भी साबित हुआ। यहां से भाजपा के प्रत्याशी केके मिश्र पार्टी के कमजोर सिपाही साबित हुए। उन्हें सपा प्रत्याशी हाजी नासिर ने हराया। सपा उम्मीदवार हाजी नासिर को 142972 वोट मिले, जबकि भाजपा को 86124 मत हासिल हुआ। तीसरे स्थान पर बसपा के अकील चौधरी ने 13504 और चौथे पर रहे कांग्रेस के हाजी इकराम कुरैशी 2588 वोट पाकर जमानत भी जब्त करा बैठे। यह सपा के मौजूदा विधायक थे, लेकिन सपा से टिकट न मिलने पर वह बगावत कर कांग्रेस का हाथ थाम बैठे। कांग्रेस उन्हें डूबने से नहीं बचा पाई।

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