हल्द्वानी: तहसील में किसके आदेश पर चल रही थी अवैध पार्किंग

नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार, हल्द्वानी। तहसील में विगत दो सालों से सशुल्क पार्किंग का संचालन किया जा रहा था। कुमाऊं कमिश्नर के दौरे के बाद इस अवैध पार्किंग का खुलासा हुआ। हालांकि इतने दिनों तक यहां पार्किंग का संचालन किया जा रहा था लेकिन कोई भी अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेते हुए नहीं दिख रहा …
नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार, हल्द्वानी। तहसील में विगत दो सालों से सशुल्क पार्किंग का संचालन किया जा रहा था। कुमाऊं कमिश्नर के दौरे के बाद इस अवैध पार्किंग का खुलासा हुआ। हालांकि इतने दिनों तक यहां पार्किंग का संचालन किया जा रहा था लेकिन कोई भी अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेते हुए नहीं दिख रहा है।
तहसील में दो साल पहले अचानक से पार्किंग की व्यवस्था को ठेकेदार के हाथों में सौंप दिया गया। यहां विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा अन्य सभी लोगों से वाहन पार्किंग किए जाने के एवज में शुल्क वसूला जाने लगा। लोगों ने सोचा कि बाजार क्षेत्र में तहसील होने की वजह से बेवजह के वाहनों की भीड़ को रोकने के लिए यहां पार्किंग को ठेकेदार के हाथों में सौंपा गया है। ठेकेदार ने भी यहां पार्क किए जाने वाले वाहनों के बदल में रुपया वसूलना शुरू कर दिया था।
छोटे वाहनों से 10 रुपए और बड़े चार पहिया वाहनों से 40 रुपए वसूले जाने लगे। बदले में रसीद भी थमाई जाने लगी। अनुमान है कि तहसील में पार्किंग ठेकेदार के एवज में ठेकेदार को रोजाना चार से पांच हजार रुपए की कमाई होती थी। सबकुछ ठीक ही चल रहा था। लेकिन बीते शुक्रवार को यहां कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने तहसील का निरीक्षण किया।
उस दिन मौके पर न तो ठेकेदार था और न ही उसके साथी थे। उस दिन तहसील में लोग बिना शुल्क दिए ही वाहनों की पार्किंग कर रहे थे। जब लोगों को दाल में काला लगा तो इसकी सूचना मौके पर मौजूद कुमाऊं कमिश्नर को दी। उन्होंने तत्काल मामले को संज्ञान लिया और तहसीलदार से इसके बाबत पूछताछ कर डाली।
और हो गया अवैध पार्किंग का खुलासा
कुमाऊं कमिश्नर के सवालों का जवाब जब संबधित अधिकारियों को देते हुए बना तो उन्होंने यहां पार्किंग ठेके की निविदा निकालने के आदेश जारी कर दिए और इसके साथ ही हल्द्वानी तहसील में दो साल पार्किंग शुल्क के नाम पर किए जा रहे अवैध वसूली का खुलासा हो गया। अनुमान है कि अभी तक ठेकेदार ने यहां से अवैध तौर पर कम से कम 10 से 12 लाख की वसूली कर ली है। सरकारी भूमि पर अवैध पार्किंग के नाम पर की गई लाखों की वसूली के बदले में सरकारी महकमे को कुछ भी नहीं मिला है।
बिना मिलीभगत कैसे हो गया
तहसील परिसर में इतने सालों तक अवैध पार्किंग के नाम वसूली होती रही। और अब अफसर इससे अनजान बन रहे हैं। यह बात समझ से परे ही है। पूरा मामला एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है। जिसकी जांच की जानी जरूरी है। यह मामला हल्द्वानी तहसील के ऊपर काला धब्बा भी है। जिसकी लीपापोती कि जानी इतनी आसान नहीं है।
अब ठेके के लिए देंगे निविदा: तहसीलदार
तहसीलदार संजय कुमार ने बताया कि तहसील में उन्होंने अपनी आंखों से किसी को पार्किंग के एवज में शुल्क वसूली करते हुए नहीं देखा है। उन्होंने बताया कि वह यहां पार्किंग के ठेके के लिए निविदा जारी करवाएंगे।