मुरादाबाद : महाशिवरात्रि पर महाकाल के 44 घंटे तक अनवरत दर्शन, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

मुरादाबाद, अमृत विचार। महाशिवरात्रि पर इस साल पंचग्रही योग का भी निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि इस शुभ संयोग में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही महाशिवरात्रि के अवसर पर 44 घंटे महाकाल के अनवरत दर्शन-पूजन होगा। पाकबड़ा स्थित महाकालेश्वर धाम के …
मुरादाबाद, अमृत विचार। महाशिवरात्रि पर इस साल पंचग्रही योग का भी निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि इस शुभ संयोग में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही महाशिवरात्रि के अवसर पर 44 घंटे महाकाल के अनवरत दर्शन-पूजन होगा। पाकबड़ा स्थित महाकालेश्वर धाम के कपाट 28 फरवरी व एक मार्च को भोर में मंगल आरती के लिए खुलेगा, फिर दो मार्च को शयन आरती तक पूजा-अर्चना व दर्शन जारी रहेगा।
पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट से
शुरू होकर 2 मार्च को सुबह 10 तक रहेगी।
पहला प्रहर का मुहूर्त
1 मार्च शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात्रि 9:27 मिनट तक।
दूसरे प्रहर का मुहूर्त
1 मार्च रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से 12:33 मिनट तक।
तीसरे प्रहर का मुहूर्त
1 मार्च रात्रि 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3:39 मिनट तक।
चौथे प्रहर का मुहूर्त
2 मार्च सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6:45 मिनट तक।
पारण समय
2 मार्च को सुबह 6:45 मिनट के बाद है।
महाशिवरात्रि पूजा विधि
आचार्य पंडित केदार मुरारी के मुताबिक, काले तिलों से स्नान करके रात्रि में विधिवत शिव पूजन करना चाहिए। शिवजी के सबसे प्रिय पुष्प मदार, कनेर, बेलपत्र, शमी पत्र, तुलसी मंजरी और मौलसरी अर्पित करना चाहिए। पका आम चढ़ाने से शेष फल प्राप्त होता है। शिवलिंग पर चढ़ाया पुष्प, फल और जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
रुद्राभिषेक क्या है
यह पवित्र-स्नान रुद्ररूप शिव को कराया जाता है। वर्तमान समय में अभिषेक रुद्राभिषेक के रूप में ही विश्रुत है। अभिषेक के कई रूप तथा प्रकार होते हैं। शिव को प्रसंन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है रुद्राभिषेक करना अथवा श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों द्वारा कराना। वैसे भी अपनी जटा में गंगा को धारण करने से भगवान शिव को जलधाराप्रिय माना गया है।
इसलिए होता है रुद्राभिषेक
रुद्र रूप में प्रतिष्ठित शिव हमारे सभी दु:खों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। वस्तुतः जो दुःख हम भोगते हैं उसका कारण हम सब स्वयं ही हैं, हमारे द्वारा जाने अनजाने में किये गए प्रकृति विरुद्ध आचरण के परिणाम स्वरूप ही हम दुःख भोगते हैं।
महाशिवरात्रि पर ग्रहों का शुभ योग
ज्योतिषाचार्य पंडित केदार मुरारी ने बताया कि मकर राशि में पंचग्रही योग का निर्माण होगा। इस राशि में मंगल और शनि के अलावा बुध, शुक्र और चंद्रमा भी विराजमान होंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनेगी। वृषभ राशि के चौथे भाव में राहु और वृश्चिक राशि के 10वें भाव में केतु विराजमान रहेंगे। महाशिवरात्रि पर इस साल धनिष्ठा योग का निर्माण होगा। धनिष्ठा योग के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। इसके बाद शिव योग लग जाएगा।
त्रि-दोषों से मुक्ति दिलाता है ‘रुद्राभिषेक’
रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। विधि-विधान से रुद्राभिषेक करने से मनुष्य त्रि-दोषों (कफ, वात और पित्त) से मुक्ति पा देता है। आचार्य कामेश्वर मिश्र के मुताबिक, शिवरात्रि के दिन यदि रुद्राभिषेक किया जाये तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों से अभिषेक करना है। रुद्राभिषेक मंत्रों का वर्णन ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में भी किया गया है। शास्त्र और वेदों में वर्णित है कि शिवजी का अभिषेक करना परम कल्याणकारी है। शिव पुराण के अनुसार हर पदार्थ से किया गया रुद्राभिषेक अलग फल देने में सक्षम है।
- रुद्राभिषेक से लाभ
- जल से अभिषेक- हर तरह के दुखों से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव का जल से अभिषेक करें।
- दूध से अभिषेक-शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करें।
- फलों का रस- अखंड धन लाभ व हर तरह के कर्ज से मुक्ति के लिए भगवान शिव का फलों के रस से अभिषेक करें।
- सरसों के तेल से अभिषेक- ग्रहबाधा नाश के लिए भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक करें।
- चने की दाल- किसी भी शुभ कार्य के आरंभ होने व कार्य में उन्नति के लिए भगवान शिव का चने की दाल से अभिषेक करें।
- काले तिल से अभिषेक- तंत्र बाधा नाश के लिए व बुरी नजर से बचाव के लिए काले तिल से अभिषेक करें।
- शहद मिश्रित गंगा जल- संतान प्राप्ति व पारिवारिक सुख-शांति के लिए शहद मिश्रित गंगा जल से अभिषेक करें।
- घी व शहद- रोगों के नाश व लम्बी आयु के लिए घी व शहद से अभिषेक करें।
- कुमकुम, केसर, हल्दी- आकर्षक व्यक्तित्व का प्राप्ति हेतु भगवान शिव का कुमकुम केसर हल्दी से अभिषेक करें।
कांवड़ियों ने किया शिव पार्वती के साथ नृत्य
हरिद्वार से कांवड़ उठाकर मंजिल की ओर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में जगह-जगह सजे पंडालों में कांवड़ियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। शनिवार को एसएस चिल्ड्रन एकेडमी में सजे पडाल में कांवड़ियों ने शिव-पार्वती बने युवाओं ने साथ नृत्य किया। मंगलवार को महाशिवरात्रि पर कांवड़िए शिवालयों में गंगाजल से अभिषेक करेंगे। महानगर इन दिनों शिवजी के व्याह में सराबोर हो गया है। कांवड़ियों की धूम हर तरफ दिख रही है। जलाभिषेक में दो दिन शेष रहने पर भोले के भक्तों का अब रेला उमड़ना शुरू हो गया है। शनिवार को कांवड़ियों के कई जत्थे बम-बम भोले के जयकारों के बीच वह भी हंसते-खिलखिलाते हरिद्वार से गंगाजल लाते दिखाई दिए। शिवभक्त डीजे पर बज रहे भोले के भजनों पर जमकर थिरक कर अपनी थकान मिटा रहे हैं। समाजसेवी व धार्मिक लोग कांवड़ सेवा शिविर के माध्यम से भोले के भक्तों की सेवा करने में जुटे हैं। शहर के मुख्य मार्ग पर लगे शिविरों में शिवभक्तों के हाथ-पांव दबाने में भी श्रद्धालु श्रद्धा के साथ लगे हुए हैं।
रेती मोहल्ले के प्राचीन शिव मंदिर में सुबह छह बजे होगा जलाभिषेक
रेती मोहल्ला स्थित प्राचीन त्रिपति शिव मंदिर के पंडित आलोक शास्त्री कहते हैं कि महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां चल रही हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंगलवार को सुबह छह बजे जलाभिषेक होगा। इसके बाद शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर प्रांगण में रात आठ बजे भजन कीर्तन का आयोजन होगा।