न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास में राजस्थान की भाषायी, सांस्कृतिक विरासत पर कार्यक्रम हुआ

न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास में राजस्थान की भाषायी, सांस्कृतिक विरासत पर कार्यक्रम हुआ

न्यूयॉर्क (अमेरिका)। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर यहां भारत के महावाणिज्य दूतावास में राजस्थान की भाषायी और सांस्कृतिक विरासत पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महावाणिज्य दूतावास और जयपुर फुट यूएसए ने भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तौर पर सोमवार को राजस्थान की भाषायी …

न्यूयॉर्क (अमेरिका)। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर यहां भारत के महावाणिज्य दूतावास में राजस्थान की भाषायी और सांस्कृतिक विरासत पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महावाणिज्य दूतावास और जयपुर फुट यूएसए ने भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तौर पर सोमवार को राजस्थान की भाषायी और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने के लिए खास कार्यक्रम का आयोजन किया।

महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल ने याद किया कि बांग्लादेश ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का जश्न मनाने की पहल की थी। यूनेस्को के 1999 शिखर सम्मेलन में इसे मंजूरी दी गयी और 2000 से 21 फरवरी को दुनियाभर में इसे मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग, चाहे उनकी मातृभाषा कुछ भी हो, वे किसी न किसी तरीके से देशभर में बोली जाने वाली विविध और समृद्ध भाषाओं तथा बोलियों से जुड़े हुए हैं।

जयपुर फुट यूएसए के अध्यक्ष और अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के संयोजक प्रेम भंडारी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए, किसी व्यक्ति के जीवन में तथा बच्चे के पालन-पोषण में मातृभाषा की महत्ता पर जोर दिया। भंडारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थानी तथा भोजपुरी को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राजस्थानी को ”राज भाषा” बनाने का अनुरोध भी किया।