हल्द्वानी: वीरगाथा-जापानी दुम दबाकर भागे, ब्रिटिश ने माना हिम्मत का लोहा

हल्द्वानी: वीरगाथा-जापानी दुम दबाकर भागे, ब्रिटिश ने माना हिम्मत का लोहा

हल्द्वानी, अमृत विचार। द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय जांबाजों ने न सिर्फ जापानियों को करारा शिकस्त देकर खदेड़ा बल्कि ब्रिटिश को अपनी हिम्मत का लोहा मनवाया। उस वक्त ब्रिटिश-भारतीय एक साथ युद्ध लड़ते थे और कांगव में यह पहला मौका था जब भारतीय सेना भारतीय अधिकारियों के नेतृत्व में पहली बार जंग लड़ रही थी। …

हल्द्वानी, अमृत विचार। द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय जांबाजों ने न सिर्फ जापानियों को करारा शिकस्त देकर खदेड़ा बल्कि ब्रिटिश को अपनी हिम्मत का लोहा मनवाया।

उस वक्त ब्रिटिश-भारतीय एक साथ युद्ध लड़ते थे और कांगव में यह पहला मौका था जब भारतीय सेना भारतीय अधिकारियों के नेतृत्व में पहली बार जंग लड़ रही थी। इस जीत को आज 8 कुमाऊं रेजीमेंट के गौरव सेनानियों ने कांगव दिवस को युद्ध सम्मान दिवस के रूप में मनाया।

आरटीओ रोड स्थित एक बैंक्वेट हॉल में आयोजित हुए कार्यक्रम को 8 कुमाऊं के गौरव सेनानी कांगव दिवस के रूप में मनाया। सेवानिवृत्त मेजर बीएस रौतेला ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मां कालिका की आरती और भारत मां के जयकारों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद मेजर बीएस रौतेला ने द्वितीय विश्व युद्ध की यादें साथियों से साझा की।

इस अवसर पर सेवानिवृत्त कैप्टन ललिता प्रसाद पंत, कैप्टन केशर सिंह, कैप्टन बहादुर सिंह, कैप्टन जेडी पंत, कैप्टन कविन्दर सिंह, सूबेदार मेजर धन सिंह, सूबेदार मेजर नरेश दुर्गापाल, सूबेदार मेजर राधे नाथ, सूबेदार मेजर जगदीश चन्द्र जोशी आदि मौजूद रहे।