रामपुर: अब्दुल्ला के नामांकन पर फंस सकता है पेंच, विकल्प के तौर पर मां ने भी भरा पर्चा

रामपुर: अब्दुल्ला के नामांकन पर फंस सकता है पेंच, विकल्प के तौर पर मां ने भी भरा पर्चा

रामपुर, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी से स्वार-टांडा पर्चा दाखिल करने वाले अब्दुल्ला आजम के नामांकन पर पेंच फंस सकता है। शायद इसी को आधार मानकर सपा के वरिष्ठ नेताओं ने स्वार से ही अब्दुल्ला की मां (सांसद आजम खां की पत्नी) डा. तजीन फात्मा का नामांकन विकल्प के तौर पर कराया है। अब्दुल्ला ने इस …

रामपुर, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी से स्वार-टांडा पर्चा दाखिल करने वाले अब्दुल्ला आजम के नामांकन पर पेंच फंस सकता है। शायद इसी को आधार मानकर सपा के वरिष्ठ नेताओं ने स्वार से ही अब्दुल्ला की मां (सांसद आजम खां की पत्नी) डा. तजीन फात्मा का नामांकन विकल्प के तौर पर कराया है। अब्दुल्ला ने इस बार के नामांकन में भी पिछले नामांकन में भरी गई जन्म तिथि वाले प्रमाण पत्र को आधार बनाया है।

बता दें कि अब्दुल्ला आजम 2017 में स्वार टांडा सीट से करीब 53 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। लेकिन उनके प्रतिद्वंदी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में उनके जन्म प्रमाण पत्र के फर्जी होने और फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने की अपील की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला के चुनाव को 16 दिसंबर 2019 को रद कर दिया था। इसके बाद अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसपर सुनवाई अभी तक लंबित है। अब्दुल्ला पर 43 मामले दर्ज होने की वजह से 26 फरवरी 2020 को जेल गए थे, उन्हें सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद 15 जनवरी को जेल से रिहाई हुई थी। अब्दुल्ला ने 27 जनवरी को स्वार टांडा से एक बार फिर नामांकन पत्र भरा है।

अब्दुल्ला ने नामांकन पत्र में 2017 के नामांकन में जो जन्म तिथि भरी थी उसे ही आधार बनाया है। लेकिन अब्दुल्ला के नामांकन पत्र में कहीं कोई पेंच न फंस जाए इसीलिए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी मां मौजूदा शहर विधायक डा तजीन फात्मा का नामांकन विकल्प के तौर पर कराया है। अगर अब्दुल्ला के नामांकन में कोई पेंच फंसता है तो डा. तजीन फात्मा प्रत्याशी हो सकती हैं।

लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसे में विकल्प के तौर पर पर्चा भरने पर चुनाव चिन्ह साइकिल की जगह कुछ और हो सकता है। बता दें कि स्वार सीट पर भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस चुनाव लड़ा रहा है। यहां अपना दल ने नवाब परिवार के वंशज नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां को प्रत्याशी बनाया है।

यह फंस सकता है नामांकन में पेंच
कानून के जानकारों का कहना है कि अब्दुल्ला ने नामांकन में अपनी 2017 के नामांकन वाले जन्म प्रमाण पत्र को ही आधार बनाया है। क्योंकि अभी तक उनका यह तर्क है कि उनकी यही जन्म प्रमाण पत्र सही है। वहीं विधानसभा के नो ड्यूज मामला भी फंस सकता है। क्योंकि वहां के बिना नोड्यूज के नामांकन का पेंच फंस सकता है।

अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र के मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। मामले की अपील अभी सुप्रीम कोर्ट में जरूर लंबित है, लेकिन नामांकन पत्रों की जांच में यह मामला फंस सकता है। इसमें रिटर्निंग अधिकारी प्रपत्रों की जांच के दौरान क्या प्रमाण पत्र और मांगते हैं, इसके बाद पता चलेगा। इसके लिए उन्हें प्रमाण पत्र पूरे करने का समय दिया जाएगा। इसके बाद कोई भी आपत्ति दर्ज करा सकता है। – संदीप सक्सेना, अधिवक्ता

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