हल्द्वानी से ज्यादा शोर नैनीताल में

नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार। हल्द्वानी से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण नैनीताल शहर में दर्ज किया जा रहा है। जबकि नैनीताल को मैदानी इलाकों की अपेक्षा शांत जगह माना जाता है। लेकिन अब नैनीताल की यह छवि बदलती जा रही है। पर्यटकों की बढ़ रही भीड़ और जनसंख्या के दबाव के चलते नैनीताल की परंपरागत पहचान …
नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार। हल्द्वानी से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण नैनीताल शहर में दर्ज किया जा रहा है। जबकि नैनीताल को मैदानी इलाकों की अपेक्षा शांत जगह माना जाता है। लेकिन अब नैनीताल की यह छवि बदलती जा रही है। पर्यटकों की बढ़ रही भीड़ और जनसंख्या के दबाव के चलते नैनीताल की परंपरागत पहचान बदलती जा रही है।
एक समय में लोग मानसिक शांति के लिए नैनीताल जाते थे लेकिन अब वक्त बदल रहा है और इसका असर नैनीताल के पर्यावरण पर भी बढ़ रहा है। नैनीताल शहर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। शहर में ध्वनि प्रदूषण का मापन हल्द्वानी से भी ज्यादा है। बाहर से आ रहे हजारों पर्यटकों की आवाजाही के साथ ऐसा हो रहा है। इधर नैनीताल पिछले कुछ सालों में जनसंख्या का भी दबाव बढ़ा है। जिस वजह से नैनीताल की फिजा अब बदलती जा रही है। इसलिए अगर अब शांति की तलाश में नैनीताल जा रहे हैं तो शायद आपको निराशा ही हाथ लगे।
हल्द्वानी और नैनीताल में ध्वनि प्रदूषण की दर
जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितंबर
नैनीताल- 54.2 55.9 54.1 56.2 48.6 50.1 57.7 59.3 58.7
हल्द्वानी- 52.9 51.6 50.3 52.7 44.2 45.6 52.9 53.5 52.7
(मापन डेसीबल में, सितंबर के बाद के आंकड़े अभी जारी नहीं। स्रोत उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड)
ध्वनि प्रदूषण की सही सीमा
औद्योगिक क्षेत्र 75
व्यावसायिक क्षेत्र 65
आवासीय क्षेत्र 55
शांत क्षेत्र 50