बढ़ते मामले चिंताजनक
दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के नए ऑमिक्रान वेरिएंट से बुरी तरह प्रभावित हैं। भारत में भी ऑमिक्रान की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। शुरुआती दौर में कर्नाटक सहित कुछ राज्यों में इसकी मौजूदगी के संकेत मिले थे, लेकिन अब अन्य इलाकों में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक 11 …
दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के नए ऑमिक्रान वेरिएंट से बुरी तरह प्रभावित हैं। भारत में भी ऑमिक्रान की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। शुरुआती दौर में कर्नाटक सहित कुछ राज्यों में इसकी मौजूदगी के संकेत मिले थे, लेकिन अब अन्य इलाकों में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक 11 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में ऑमिक्रान के 101 मामलों का पता चला है। दिल्ली में ‘ऑमिक्रान’ के 10 नए मामले सामने आने के बाद कुल मामले 20 हो गए हैं।
यह सूचना भी कम गंभीर नहीं कि ज्यादातर देशों तक यह वेरिएंट अपनी पहुंच बना चुका है, भले ही उन देशों में अभी इसके ज्यादा केस सामने न आए हों। जाहिर है, केसों की कम संख्या और हलके लक्षणों के आधार पर इसे गंभीरता से न लेना भारी पड़ सकता है। ऑमिक्रान का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में आया था। इसके बाद से अब तक यह वेरिएंट करीब 80 देशों में पहुंच चुका है।
कई देशों में कहा जा रहा है कि अगर लोगों ने सावधानी नहीं बरती और सख्ती से कोरोना प्रोटोकॉल पर अमल नहीं किया तो दिसंबर के आखिर तक अस्पताल फिर से मरीजों से भर सकते हैं। क्योंकि ऑमिक्रान वेरिएंट अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस के मुकाबले तेजी से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि जहां सामुदायिक प्रसार होता है, वहां ऑमिक्रान संक्रमण डेल्टा स्वरूप से आगे निकल जाएगा।
केंद्र सरकार ने कहा है कि पिछले 20 दिनों से कोविड संक्रमण के दैनिक मामले दस हजार से कम हैं, लेकिन ऑमिक्रान स्वरूप और अन्य देशों में बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क रहने की आवश्यकता है। पांच प्रतिशत से अधिक कोविड संक्रमण दर वाले जिलों को प्रतिबंधात्मक उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जब तक कि यह कम से कम दो सप्ताह के लिए पांच प्रतिशत से कम न हो जाएं।
आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि यह गैर-जरूरी यात्रा, सामूहिक समारोहों से बचने का समय है और नए साल के जश्न को बड़े स्तर पर नहीं करने की जरूरत है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि ऑमिक्रान स्वरूप को गंभीरता से लिया जाए और समय रहते इसके असर को नियंत्रित किया जाए। यदि समय रहते इसकी रोकथाम के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए, लोगों ने अपने स्तर पर सावधानियां बरतनीं जरूरी नहीं समझीं तो आने वाले दिनों में यह खतरनाक रूप ले सकता है। इसे सीमित करने के प्रयास गंभीरता से किए जाने चाहिए।