लखीमपुर-खीरी: मांस खाते बाघ की फुटेज कैमरे में कैद, मंझरा में पिंजरे से दूर रहा बाघ

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। कोतवाली सदर की पुलिस चौकी शारदानगर के गांव सांडा के निकट तीसरे दिन भी बाघ दिखाई दिया। उसने कुत्ते को अपना निवाला बनाया। बाघ का मांस खाते फुटेज वनविभाग के लगाए गए कैमरे में कैद हुआ है। उधर तिकुनियां क्षेत्र में भी बाघ की दहशत कम नहीं हो रही है। बाघ तीसरे …
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। कोतवाली सदर की पुलिस चौकी शारदानगर के गांव सांडा के निकट तीसरे दिन भी बाघ दिखाई दिया। उसने कुत्ते को अपना निवाला बनाया। बाघ का मांस खाते फुटेज वनविभाग के लगाए गए कैमरे में कैद हुआ है। उधर तिकुनियां क्षेत्र में भी बाघ की दहशत कम नहीं हो रही है। बाघ तीसरे दिन भी देखे जाने से क्षेत्र में दहशत है। बाघ पिंजरे से काफी दूर रहा।
जिले में हिंसक जंगली वन्य जीव लोगों के लिए मुसीबत बनें हैं। सर्दी का मौसम आते ही बाघ, हाथी सहित अन्य कई हिंसक वन्यजीवों ने आबादी की तरफ रूख करना शुरू कर दिया है। अब तक बाघ शहर के निकट भी आ पहुंचा है। सांडा गांव में कंडवा नदी किनारे और आसपास इलाके में करीब एक सप्ताह से बाघ की आमद बनी है। वन कर्मी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। लोगो को सतर्क रहने और समूह में निकलने की अपील कर रहे है। बाघ की चहलकदमी पर भी कैमरे लगाकर नजर रखी जा रही है।
वनविभाग ने बाघ की चहलकदमी करने वाले क्षेत्र को दो किलोमीटर तक के दायरे में संरक्षित कर दिया है और उसकी हरगतिविधयों पर कैमरे के जरिए नजर रखी जा रही है। बुधवार की रात बाघ ने एक कुत्ते को अपना निवाला बना डाला। उसकी फुटेज मांस खाते हुए वनविभाग के कैमरे में भी कैद हुई है। जिसको देख ग्रामीण पहले कैमरे में कैद बाघ की तस्वीर से इसे इस तस्वीर को अलग मान रहे हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में बाघ व बाघिन दोनों ही हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गुरुवार को खेतों में मीले पगचिह्न भी दो तरीके के हैं। हांलाकि वन विभाग एक ही बाघ के होने की बात कह रहा है। वन दरोगा नागेंद पांडेय ने बताया कि पगचिह्नों की एक्सपर्ट से जांच कराई गई है। एक्सपर्ट ने जांच के बाग पगचिह्न एक ही बाघ के होने की पुष्टि की है। वनविभाग पोस्टर बैनर लगाकर लोगो को जागरूक कर रहा है। दो दिन पहले नीलगाय का भी बाघ ने शिकार किया था। ग्रामीण काफी डरे सहमे है। किसान और मजदूर खेतों की तरफ जाने से कतरा रहे हैं।
मंझरा में कम नहीं हुई मुसीबत चहलकदमी कर रहा बाघ
तीन दिन पहले बाघ ने कोतवाली तिकुनियां के गांव दुमेड़ा मजरा मंझरा पूरब निवासी राममूर्ति को निवाला बना डाला था। लगातार हो रहे बाघ के हमले में लोगों की मौत से गुस्साए लोगों ने वनविभाग पर गुस्सा उतारा था। वनविभाग की टीम लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रही है। उसने बाघ की लोकेशन ट्रेश करने के लिए 10 कैमरे भी लगाए हैं। साथ ही पिंजरा भी लगाया है।
ग्रामीणों ने लगातार तीसरे दिन भी बाघ को देखे जाने का दावा किया है। वनविभाग की माने तो बाघ की फुटेज कैमरे में कैद हुई है, लेकिन वह पिंजरे से काफी दूर रहा है। ग्रामीण घरों से बाहर निकलने से भी घबरा रहे हैं। किसानों और मजदूरों के खेतों में न जाने से गन्ने की छिलाई भी प्रभावित हो रही है।