रायबरेली: जिले में जानलेवा साबित हो रही गड्ढों से भरी सड़कें

रायबरेली। वीआईपी जिले का रुतबा होने के बाद भी रायबरेली में सड़कों का बुरा हाल है। शहर के अंदर हर सड़क, गड्ढों और बजरी से भरी है, तो लखनऊ-प्रयागराज हाईवे का भी बुरा हाल है। एम्स के पास की सड़क भी गड्ढायुक्त है। वहीं राजघाट की सड़क रेड स्पाट से कुख्यात है। इस सड़क पर …
रायबरेली। वीआईपी जिले का रुतबा होने के बाद भी रायबरेली में सड़कों का बुरा हाल है। शहर के अंदर हर सड़क, गड्ढों और बजरी से भरी है, तो लखनऊ-प्रयागराज हाईवे का भी बुरा हाल है। एम्स के पास की सड़क भी गड्ढायुक्त है। वहीं राजघाट की सड़क रेड स्पाट से कुख्यात है। इस सड़क पर आए दिन हादसों से लोगों को जान गवांनी पड़ती है।
लखनऊ-प्रयागराज हाईवे जिले की मुख्य सड़क है। 2012 में यह सड़क बनकर तैयार हुई थी। कमीशन बाजी के कारण तीन साल में ही सड़क उखड़ने लगी। इस पर सतही मरम्मत का काम होता रहता है। जबकि टोल प्लाजा पर हर दिन सैकड़ों वाहनों से टोल वसूल किया जाता है। उसके बदले में वाहन चालकों को खस्ताहाल सड़क मिलती है। बछरावां के पास पूरी सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है तो साथ ही मुंशीगंज, डलमऊ संपर्क मार्ग भी भी बदहाल है।
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एम्स के पास भी सड़क उखड़ी हुई है जिस कारण मरीजों को इलाज के लिए लाने वाली एंबुलेंस को संभल कर चलना पड़ता है। त्रिपुला, सारस मोटल, गदागंज, गंगानगर, हरचंदपुर, सिविल लाइन चौराहा पर भी हाईवे की सड़क बदतर है। रात में वाहन चालकों को जोखिम उठाकर वाहन चलाना पड़ता है। स्पीड अधिक होने से गड्ढे दुर्घटना का सबब बनते हैं। करोड़ों रुपए की यह सड़क एनएच की खाऊ-कमाऊ नीति के चलते खस्ताहाल हो गई है।
शहर में लगता जाम
शहर के भीतर फिरोज गांधी चौराहा पर सड़क खराब होने से रोज जाम लगता है तो साथ पुलिस लाइन जाने वाली सड़क पर रात के समय चलना जोखिम भरा होता है। इस सड़क पर इतने गहरे गड्ढे हैं कि वाहन की रफ्तार जरा भी तेज होने पर हादसा हो जाता है। राजघाट पर सड़क पर गड्ढों के साद भारी वाहनों का आवागमन लोगों के लिए मुसीबत का सब बना हुआ है।