हरदोई: जिस शिक्षक को दिया सम्मान, उसी से लगाई रिश्वत की आस…जानें क्या है पूरा मामला
हरदोई। बेसिक शिक्षा विभाग में भले ही उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित करने की प्रथा शुरू हो चुकी हो, लेकिन अफसोस तब होता है, जब सम्मान पाए शिक्षक से बेसिक के अधिकारी रिश्वत मांगते हैं। ऐसा ही एक ताजा प्रकरण सामने आया है, जहां एक शिक्षक के चयन वेतनमान वृद्धि के एवज में रिश्वत वसूलने का …
हरदोई। बेसिक शिक्षा विभाग में भले ही उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित करने की प्रथा शुरू हो चुकी हो, लेकिन अफसोस तब होता है, जब सम्मान पाए शिक्षक से बेसिक के अधिकारी रिश्वत मांगते हैं। ऐसा ही एक ताजा प्रकरण सामने आया है, जहां एक शिक्षक के चयन वेतनमान वृद्धि के एवज में रिश्वत वसूलने का सिलसिला जारी है। यहां रिश्वत न देने पर बाबू की ओर से कई माह से दौड़ाया जा रहा है। आरोप है कि बीएसए तक रिश्वत का हिस्सा पहुंचाने के नाम पर बाबू की ओर से सम्मान पाए शिक्षक से घूस मांगी जा रही है।
पीड़ित शिक्षक ने पूरे मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में की है। दरअसल टोडरपुर विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय सैदपुर में तैनात सहायक अध्यापक सुशील बाबू को कायाकल्प/मिशन प्रेरणा/अभिनव शैक्षिक प्रयास के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए 8 सितंबर 2021 को सम्मानित किया गया था। शिक्षक सुशील बाबू ने बताया कि यह पुरस्कार केवल एक दिखावा है। शिक्षकों को पुरुस्कार तो दिए जाते हैं, लेकिन बगैर घूस लिए उनका काम नहीं किया जाता।
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8 सितंबर को मुझे उत्कृष्ट शिक्षक का पुरुस्कार दिया गया। दूसरी तरफ मेरी चयन वेतनमान की फाइल पर हस्ताक्षर के लिए बीएसए और उनके स्टोनों मधुर पाल रिश्वत मांग रहे हैं। शिक्षक का आरोप है कि मधुर पाल टोडरपुर का ब्लॉक बाबू भी है, लेकिन कभी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नहीं जाता है। चूंकि पत्नी प्रधान हो गई है तो कार्यालय समय में भी प्रधानी ही करता है। जिससे विभागीय कार्य प्रभावित होते हैं। जबकि बीएसए जानकर भी अंजान बने रहते हैं।
कार्यालय में शिकायत पटल बंद कर दिया गया। वहीं, बीएसए से कोई मिल नहीं सकता। दलालों के माध्यम से काम कराने की व्यवस्था बना दी गई है, जिससे विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मालामाल हो सकें। शिक्षक ने बताया कि चयन वेतनमान के लिए रिश्वत नहीं दी। जिसके कारण उसे नए-नए बहाने बताकर जुलाई से दौड़ाया जा रहा है। इस सम्बंध में जब ब्लॉक बाबू मधुर पाल से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। बीएसए ने बताया कि शिकायत की उन्हें जानकारी नहीं है। यदि शिक्षक को कोई समस्या है तो वह दफ्तर आकर मिले। मामले की जांच करा ली जाएगी।