गौलापार में पुरानी नहर को ही ठीक करने का काम शुरू, किसानों ने ली राहत की सांस

हल्द्वानी, अमृत विचार। गौलापार में आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुईं सिंचाई नहर के मरम्मत का काम शुरू हो गया है। सिंचाई विभाग का दावा है कि एक सप्ताह के अंदर यहां पानी शुरू हो जाएगा। पुरानी नहर को ठीक करने से क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है। गौलापार में सिंचाई के लिए लोग सिंचाई …
हल्द्वानी, अमृत विचार। गौलापार में आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुईं सिंचाई नहर के मरम्मत का काम शुरू हो गया है। सिंचाई विभाग का दावा है कि एक सप्ताह के अंदर यहां पानी शुरू हो जाएगा। पुरानी नहर को ठीक करने से क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है।

गौलापार में सिंचाई के लिए लोग सिंचाई नहर पर निर्भर हैं। इस नहर से गौला का पानी काश्तकारों के खेतों में पहुंचाया जाता है। 19 अक्टूबर को भारी बारिश के चलते यह भूमिगत नहर कई जगह से टूट गई। पहले तो विभागीय अधिकारी नहर की मरम्मत के लिए आपदा मद से रुपया आने की बात कहकर मरम्मत का काम टालते रहे लेकिन ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद रविवार को पुरानी नहर की मरम्मत शुरू कर दी गई। नहर में जहां से लीकेज हो रही है उसे ठीक किया जा रहा है।
इससे पहले एसडीएम मनीष कुमार के सामने सिंचाई विभाग ने नहर में पानी चलाकर दिखाया था। तब इस नहर में हो रही लीकेज को चिन्हित किया गया था। अब उन्हीं लीकेज को सही किया जा रहा है। इधर, नहर से पानी की आपूर्ति नहीं होने की वजह से गौलापार में 45 गांवों में खेती पर संकट बन गया था। यहां खेतों में खड़ी टमाटर की फसल सूखने लगी थी तो वहीं गेहूं की बुआई पर भी संकट बन गया था।
हम पर मुकदमा दर्ज करना गलत
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट ने कहा कि सिंचाई नहर को ठीक करने की मांग ग्रामीण कई दिनों से कर रहे थे। यहां अधिकारी झांकने भी नहीं आ रहे थे। हमारी फसलें चौपट हो गई थीं और जब हमने अधिकारियों को जगाने के लिए सड़क को जाम कर दिया तो हमारे ऊपर मुकदमे दर्ज करवा दिए गए। यह सरकार की तानाशाही है। नीरज रैक्वाल ने कहा कि ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज करना गलत है। बल्कि अधिकारियों को जबाव देना चाहिए कि इतने दिन से नहर को ठीक क्यों किया जा सका है।