लखनऊ: अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए घाट पर उमड़ा सैलाब

लखनऊ: अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए घाट पर उमड़ा सैलाब

लखनऊ। कहीं सूप में फलों को लेकर महिलाएं घाट की तरफ जा रही थी तो कहीं सुगागिनें छठी मइंया के गीत गाकर पति के दीर्घायु होने की कामना कर रही थी। यह नजारा शाम को गोमती नदी के किनारे स्थित घाटों पर देखने को मिला। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के घाटों पर बुधवार को …

लखनऊ। कहीं सूप में फलों को लेकर महिलाएं घाट की तरफ जा रही थी तो कहीं सुगागिनें छठी मइंया के गीत गाकर पति के दीर्घायु होने की कामना कर रही थी। यह नजारा शाम को गोमती नदी के किनारे स्थित घाटों पर देखने को मिला। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के घाटों पर बुधवार को व्रती महिलाओं के साथ उनके परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। अर्घ्य देने और पूजा करने के बाद व्रती महिलाओं के परिजन सेल्फी लेते भी नजर आए।

 

बुधवार को छठ पर पर अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना के लिए गोमती घाटों जन सैलाब उमड़ पड़ा। समृद्धि के देव भगवान सूर्य की पूजा के लिए शाम होने से पहले ही सुहागिनें अपने परिजनों के साथ घाटों पर पहुंची। सिर पर टोकरी में विविध प्रकार की पूजन सामग्री लेकर आई महिलाएं जहां पूजा को लेकर बेहद उत्साहित थी, वहीं उनके परिजनों की उत्सुकता भी कम नहीं थी। सुहागिनों के साथ आए उनके पति भी पूजन के कार्य में बराबर हाथ बंटाते रहे। निर्जला व्रती महिलाओं ने छठ मइया को समर्पित गीतों का गाकर माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। अंधेरे में समृद्धि के उजाले की कामना का यह अद्भुत नजारा सभी के दिलों पर अपनी छाप छोड़ गया। अकेले लक्ष्मण मेला घाट पर ही नहीं लखनऊ के अधिकतर घाटों पर यह दृश्य देखने को मिले।

लक्ष्मण मेला स्थल के छठ घाट पर आयोजित हुए मुख्य समारोह में दोपहर के बाद से भीड़ जुटनी शुरू हो गई। सुनहरी रोशनी से नहाए टेंट में जहां गायक अपने गीतों का जलवा बिखेर रहे थे वहीं दूसरी ओर घाटों पर बनी सुशोभिता (छठ मइया के प्रतीक) के पास महिलाओं की टोली गीतों संग छठी मइया से पति की दीर्घायु और संतान सुख की कामना कर रही थीं। गुरुवार को महिलाएं सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी।

महिलाओ के संग घाट पर आई व्रती महिलाओं ने घाट पर पहले स्नान किया और फिर पानी में खड़े होकर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संतान सुख की कामना की। सिंघाड़ा, नारियल, फलों के साथ ही सूप, कच्ची हल्दी, मूली व गन्ना समेत पूजन सामग्री को मिट्टी की बनी सुशोभिता पर चढ़ाया और विधि विधान से पूजन कर छठी मइया के गीत गाए। केरवा फरेला घवद से ओहे पे सुगा मंडराय…, देवी मइया सुन लो अरजिया हमार और कांचहि बांस की बहंगिया…जैसे छठ गीतों से माहौल छठ मइया की भक्ति से सराबोर हो उठा। बैंड बाजे की धुन पर थिरकते श्रद्धालुओं ने घाट पर छठ की छटा में चार चांद लगा दिए। कुछ व्रती महिलाएं रातभर घाट पर रुके हुए थे और देर रात तक छठी मइया के गीतों का लुफ्त उठाते नजर आए।

लक्ष्मण मेला स्थल अलावा मानसनगर के नई पानी की टंकी स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर में भी गड्ढा खोदकर महिलाओं ने पूजन किया। खदरा के शिव मंदिर घाट पर धनंजय द्विवेदी के संयोजन में गायक संतोष राय ने गीतों का गुलदस्ता पेश किया और महिलाओं ने पूजन किया। मनकामेश्वर उपवन घाट में महंत देव्यागिरि के सानिध्य में महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया। महंत ने समाज के कल्याण के लिए व्रत रखकर अर्घ्य दिया। तकरोही के दीनदयाल पुरम पार्क में पिछले 18 वर्षों से आयोजित पूजन में महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया।

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