बरेली: हम्माद रजा ने परदादा हकीम हुसैन रजा की विरासत की जिंदा

बरेली, अमृत विचार। आलाहजरत और खानदाने आलाहजरत के बुजुर्गों समेत शहजादगान को धार्मिक शिक्षा और रूहानियत को विश्व स्तर जाना जाता है। अब खानदाने आलाहजरत की नई नस्ल धार्मिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने कदम जमा रही है। इसकी एक नजीर कायम की है आलाहजरत खानदान के हम्माद …
बरेली, अमृत विचार। आलाहजरत और खानदाने आलाहजरत के बुजुर्गों समेत शहजादगान को धार्मिक शिक्षा और रूहानियत को विश्व स्तर जाना जाता है। अब खानदाने आलाहजरत की नई नस्ल धार्मिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने कदम जमा रही है। इसकी एक नजीर कायम की है आलाहजरत खानदान के हम्माद रजा खां ने।
नबीरा ए आलाहजरत अनीस मियां ने हम्माद मियां को मुबारक बाद दी। बता दें कि हम्माद रजा खां मोहसिन रजा खां के बेटे हैं और उन्होंने नीट की परीक्षा आल इंडिया जनरल रैंक 10007 के साथ उत्तीर्ण की है। दरगाह प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने बताया कि हम्माद रजा खां ने चिकित्सा के मैदान में कदम रखकर अपने परदादा हजरत अल्लामा हकीम हुसैन रजा खां की विरासत को जिंदा किया है।
दरगाह आलाहजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां, दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां, काजी-ए-हिन्दुस्तान असजद मियां, दरगाह तहसीनिया के सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां, आई.एम.सी. प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां, मन्नानी मियां, मुफ्ती सलीम नूरी,मंजरे इस्लाम के प्राचार्य मौलाना मोहम्मद आकिल रजवी ने उन्हे मुबारकबाद पेश की है।