केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा- विकसित राष्ट्र 2009 से विकासशील देशों को प्रति वर्ष 100 अरब अमेरीकी डॉलर का सहयोग करने में विफल रहे
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ग्लासगो में 26वें अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन सीओपी26 में कहा कि विकसित राष्ट्र 2009 से विकासशील देशों को प्रति वर्ष 100 अरब अमेरीकी डॉलर के सहयोग के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने के बावजूद अब भी इसे अपना 2025 तक का महत्वकांक्षी लक्ष्य बता रहे हैं। …
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ग्लासगो में 26वें अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन सीओपी26 में कहा कि विकसित राष्ट्र 2009 से विकासशील देशों को प्रति वर्ष 100 अरब अमेरीकी डॉलर के सहयोग के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने के बावजूद अब भी इसे अपना 2025 तक का महत्वकांक्षी लक्ष्य बता रहे हैं।
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्री ने ब्रिटेन के ग्लासगो में रविवार को शुरू हुए जलवायु परिवर्तन पर ‘संयुक्त राष्ट्र के यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज’ (यूएनएफसीसीसी) सीओपी26 के उद्घाटन सत्र में अपने ‘बेसिक’ भाषण के दौरान यह टिप्पणी की। मंत्री ने ट्वीट किया, ” सीओपी26 के उद्घाटन सत्र में अपने बयान में रेखांकित किया कि विकसित राष्ट्र 2009 के बाद से विकासशील देशों को सहयोग के लिए प्रति वर्ष 100 अरब अमेरीकी डॉलर देने के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने के बावजूद इसे अपना 2025 तक का महत्वाकांक्षा लक्ष्य बता रहे हैं।”
‘बेसिक’ देश चार बड़े नए औद्योगीकृत देशों ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन का एक समूह है, जिसका गठन नवंबर 2009 में एक समझौते के तहत किया गया था। यादव 29 अक्टूबर को सीओपी26 में भाग लेने के लिए ग्लासगो पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रविवार शाम महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने के लिए ग्लासगो पहुंचे और वह एक और दो नवंबर को लगभग 200 देशों के विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज’ (यूएनएफसीसीसी) के हितधारकों का 26वां सम्मेलन (सीओपी26) रविवार को ग्लासगो में शुरू हुआ और यह सम्मेलन 12 नवंबर तक चलेगा।
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