बाराबंकी: पुराने वाहनों को बेचना हुआ आसान, अब CSC केन्द्रों पर ही मिलेगा NOC

बाराबंकी। कोरोना काल में सेकेंड हैंड वाहनों की खरीद व बिक्री काफी बढ़ गई है। ऐसे में लोग चोरी के वाहन भी बेच रहे हैं। इसके अलावा ऐसी घटना ग्रामीण और दूरदराज के इलाके में ज्यादा देखने को मिलती है। वहीं, अब गांव में ही पता चल जाएगा कि वाहन को असली मालिक बेच रहा …
बाराबंकी। कोरोना काल में सेकेंड हैंड वाहनों की खरीद व बिक्री काफी बढ़ गई है। ऐसे में लोग चोरी के वाहन भी बेच रहे हैं। इसके अलावा ऐसी घटना ग्रामीण और दूरदराज के इलाके में ज्यादा देखने को मिलती है।
वहीं, अब गांव में ही पता चल जाएगा कि वाहन को असली मालिक बेच रहा है या कोई चोर। इसके लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में करार हुआ है। लोगों को सेकेंड हैंड व्हीकल खरीदने में परेशानी नहीं हो। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से संचालित CSC ने गृह मंत्रालय के निकाय NCRB के साथ करार किया है। इस करार के तहत जनपद में मौजूद कॉमन सर्विस सेंटर में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने वालों को उस वाहन के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।
अब सीएससी से मिलेगा एनओसी
नियम के अनुसार सेकेंड हैंड वाहन खरीदने के लिए NCBR से एनओसी लिया जाता है, लेकिन गांवों व दूर-दराज के इलाकों में ऐसा नहीं होता है। यहां तक की सभी जगह NCBR के दफ्तर भी नहीं है। इसको देखते हुए NCBR ने CSC से करार किया है, क्योंकि इसकी पहुंच देश के गांव-गांव तक हैं। इस करार का शुभारंभ केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने NCBR के निदेशक, केंद्रीय गृह मंत्रालय और CSC के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया।
NOC क्या है?
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) एक राज्य से दूसरे राज्य में किसी वाहन के दोबारा पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय RTO से जारी एक कानूनी दस्तावेज है। पते के परिवर्तन और दोबारा पंजीकरण के लिए स्थानीय RTO से एक एनओसी की आवश्यकता होती है। जहां आपने अपना वाहन पंजीकृत कराया है।
CSC जिला प्रबंधक रवि वर्मा ने बताया कि इस सुविधा से नागरिकों को निकटतम CSC केंद्र से NOC प्राप्त करने में मदद मिलेगी। साथ ही CSC इस सुविधा के बारे में लोगों के बीच जागरूकता भी पैदा करेगा।