देश में पहली बार IVF तकनीक से बछड़े का जन्म, इस शहर में हुआ ये कमाल

देश में पहली बार IVF तकनीक से बछड़े का जन्म, इस शहर में हुआ ये कमाल

नई दिल्ली। कृत्रिम गर्भाधान की आईवीएफ तकनीक से देश में पहली बार भैंस का गर्भाधान किया गया और एक बछड़े ने जन्म लिया है। यह भैंस बन्नी नस्ल की है। इसके साथ ही भारत में ओपीयू-IVF तकनीक अगले स्तर पर पहुंच गई। पहला IVF बछड़ा बन्नी नस्ल की भैंस के छह बार आईवीएफ गर्भाधान के …

नई दिल्ली। कृत्रिम गर्भाधान की आईवीएफ तकनीक से देश में पहली बार भैंस का गर्भाधान किया गया और एक बछड़े ने जन्म लिया है। यह भैंस बन्नी नस्ल की है। इसके साथ ही भारत में ओपीयू-IVF तकनीक अगले स्तर पर पहुंच गई। पहला IVF बछड़ा बन्नी नस्ल की भैंस के छह बार आईवीएफ गर्भाधान के बाद पैदा हुआ। यह प्रक्रिया गुजरात के किसान विनय एल. वाला के घर जाकर पूरी की गई। यह फार्म गुजरात के सोमनाथ जिले के धनेज गांव में स्थित है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब 15 दिसंबर, 2020 को गुजरात के कच्छ इलाके का दौरा किया था, तब उस समय उन्होंने बन्नी भैंस की नस्ल के बारे में चर्चा की थी। उसके अगले ही दिन बन्नी भैंसों के अंडाणु निकालने (ओपीयू) और उन्हें विकसित करके भैंस के गर्भशय में स्थापित करने (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन-आईवीएफ) की प्रक्रिया शुरू करने कि योजना बनाई गई।

वैज्ञानिकों ने विनय एल. वाला के गुजरात के सोमनाथ जिले के धनेज स्थित सुशीला एग्रो फार्म्स की बन्नी नस्ल की तीन भैंसों को गर्भाधान के लिये तैयार किया। वैज्ञानिकों ने भैंस के अंडाशय से डिम्ब निकालने के उपकरण (इंट्रावैजिनल कल्चर डिवाइस-आईवीसी) द्वारा 20 अंडाणु निकाले। तीनों में से एक भैंस के कुल 20 अंडाणुओं को आईवीसी प्रक्रिया से निकाला गया। वास्तव में एक डोनर से निकाले जाने वाले 20 अंडाणुओं में से 11 भ्रूण बन गये।

नौ भ्रूणों को स्थापित किया गया, जिनसे तीन आईवीएफ गर्भाधान वजूद में आये। दूसरे डोनर से पांच अंडाणु निकाले गये, जिनसे पांच भ्रूण (शत प्रतिशत) तैयार हुये। पांच में से चार भ्रूणों को स्थापित करने के लिये चुना गया और इस प्रक्रिया से दो गर्भाधान हुये। तीसरे डोनर से चार अंडाणु निकाले गये, दो भ्रूणों को विकसित किया गया और उन्हें स्थापित करके एक गर्भाधान हुआ।

कुल मिलाकर 29 अंडाणुओं से 18 भ्रूण विकसित हुए। इसकी बीएल दर 62 प्रतिशत रही। पंद्रह भ्रूणों को स्थापित किया गया और उनसे छह गर्भाधान हुये। गर्भाधन दर 40 प्रतिशत रही। इन छह गर्भाधानों में से पहला आईवीएफ बछड़ा पैदा हुआ। यह देश का पहला बन्नी बछड़ा है, जो कृत्रिम गर्भाधान की आईवीएफ तकनीक से पैदा हुआ है। सरकार और वैज्ञानिक समुदाय को भैंसों की आईवीएफ प्रक्रिया में अपार संभावना नजर आ रही है ।

यह भी पढ़े-

पुंछ में आतंकवादियों की गोलीबारी में तीन सुरक्षाकर्मी घायल, एक आतंकवादी गिरफ्तार