कुंवारी कन्या इस विधि से रखेंगी करवाचाैथ का व्रत, मिलेगा ये खास वरदान

कुंवारी कन्या इस विधि से रखेंगी करवाचाैथ का व्रत, मिलेगा ये खास वरदान

करवा चौथ व्रत सुहागिन महिलाओं खास त्योहार होता है। वह इस दिन पति की लंबी आयु के लिए दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को पूजा भगवान शिव, माता गौरी और गणेश भगवान की पूजा करती हैंं। रात में चांद और उसके बाद अपनी पति को देखकर कर पूजा करती हैं और पति के …

करवा चौथ व्रत सुहागिन महिलाओं खास त्योहार होता है। वह इस दिन पति की लंबी आयु के लिए दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को पूजा भगवान शिव, माता गौरी और गणेश भगवान की पूजा करती हैंं। रात में चांद और उसके बाद अपनी पति को देखकर कर पूजा करती हैं और पति के हाथ से पानी पी कर महिलाएं अपना का पारण करती है। हिन्दु मान्यताओं के अनुसार कुंवारी लड़कियां भी व्रत रखती हैं लेकिन उनके व्रत रखने के लिए अलग नियम हैं। कुंवारी लड़कियां  करवा चौथ पर व्रत सुयोग्य वर पाने के लिए कर सकती हैं लेकिन कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ व्रत  के कुछ नियम भी बताएं गए हैं।

निर्जल व्रत न रखें
कुंवारी कन्याओं करवा चौथ के दिन निर्जल व्रत नहीं रखना चाहिए। लेकिन वह निराहार व्रत रख सकती हैं। करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को किसी सुहागन की बची हुई मेंहदी को अपने हाथ पर अवश्य लगाना चाहिए। ऐसा करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को किसी भी प्रकार का श्रृंगार नहीं करना चाहिए।

माता गौरी की करें पूजा
यह व्रत पूर्ण रूप से सादगी के साथ रखना चाहिए। करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को भगवान शिव और माता गौरी की पूजा अवश्य करनी चाहिए और करवा पूजना चाहिए। करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को चंद्रमा को अर्ध्य नहीं देना चाहिए बल्कि तारों को अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलना चाहिए।

चांद देखकर न करें व्रत का पारण
करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को भगवान शिव और माता पार्वती को मीठे का भोग लगाना चाहिए और स्वंय भी उन्हें मीठे से ही व्रत खोलना चाहिए। करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को किसी को भी सुहाग का समान नहीं देना चाहिए। क्योंकि कुंवारी होने की वजह से उन्हें भी सरगी नहीं मिलती। करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को पूजन के लिए भी छलनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कुंवारी लड़कियों को चांद नहीं बल्कि तारा देखकर व्रत का पारण करना चाहिए और सुयोग्य वर की प्रार्थना करनी चाहिए।

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