हरदोई: फर्ज और जिम्मेदारी की मिसाल बनीं सचिव अलका पांडेय, जानें कैसे…

हरदोई। मासूम बच्ची को ममता का आंचल देने के साथ-साथ अपने फर्ज और कर्तव्य के प्रति निष्ठावान ये महिला कोई और नहीं बल्कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अलका पांडेय हैं। 3 साल की बच्ची को गोद में लेकर वह प्राधिकरण के कार्यों के अलावा पीड़ितों की फरियाद सुनती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी …
हरदोई। मासूम बच्ची को ममता का आंचल देने के साथ-साथ अपने फर्ज और कर्तव्य के प्रति निष्ठावान ये महिला कोई और नहीं बल्कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अलका पांडेय हैं। 3 साल की बच्ची को गोद में लेकर वह प्राधिकरण के कार्यों के अलावा पीड़ितों की फरियाद सुनती हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोनाकाल में भी इन्होंने इसी शिद्दत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। वह जिला जेल, संप्रेक्षण गृह के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर विधिक जागरूकता शिविरों में महिला पुरुषों को जागरूक करने का काम कर रही हैं। यही वजह है कि शासन-प्रशासन के अलावा अब प्राधिकरण के प्रति पीड़ितों में विश्वास बढ़ा है।
प्रधिकरण की सचिव अलका पांडेय ने द टेलीकास्ट से खास बातचीत में बताया कि उनके लिए जितना परिवार महत्वपूर्ण है उतना ही सरकारी कार्य महत्वपूर्ण हैं, इसलिए वह मासूम बच्ची को शुरू से ही अपने साथ रखते हुए सरकारी सेवाओं की जिम्मेदारी का निर्वहन करने में जी जान से जुटी हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देशों के क्रम में वह निरंतर पीड़ितों के संपर्क में रहकर उन्हें न्याय दिलाने का कार्य कर रही हैं। मासूम बच्ची को भी ममता के आंचल की जरूरत है इसलिए वह उसे साथ रखती हैं।