मनीष गुप्ता हत्या कांड: एसआईटी की जांच में पुलिस का क्रूर चेहरा, वीडियो वायरल

मनीष गुप्ता हत्या कांड: एसआईटी की जांच में पुलिस का क्रूर चेहरा, वीडियो वायरल

गोरखपुर। बीते 27 सितंबर की रात रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के एक होटल में कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम को अब आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने लगे हैं। मिस्ट्री मर्डर केस का पर्दाफाश करने के लिए एसआईटी टीम ने होटल से लेकर मेडिकल कॉलेज …

गोरखपुर। बीते 27 सितंबर की रात रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के एक होटल में कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम को अब आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने लगे हैं। मिस्ट्री मर्डर केस का पर्दाफाश करने के लिए एसआईटी टीम ने होटल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक सीन रिक्रिएट किया और होटल कर्मियों समेत 30 लोगों का बयान भी दर्ज किया है।

इसी सीन रीक्रिएशन के दौरान जांच टीम को होटल से वह सीसीटीवी फुटेज भी मिली। जिसमें होटल के कमरे में बेसुध पड़े मनीष गुप्ता को टांग कर पुलिसकर्मी बाहर ले जा रहे हैं। यह फुटेज मनीष के दोस्तों के उस बयान की तस्दीक करता है, जिसमें उन्होंने कहा था पुलिस मनीष को टांग कर बाहर ले गई थी।

फिर भी गोरखपुर पुलिस के अधिकारियों ने बिना जांच किए ही मीडिया को गलत बयान दिया था। जबकि घटना की जांच कर रहे गोरखपुर पुलिस के एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी ने भी अब अपनी जांच में आरोपियों की संलिप्तता की पुष्टि करते हुए बुधवार शाम रिपोर्ट सौंप दिया है।

कानपुर एसआईटी टीम इस मामले में होटल प्रबंधन की भूमिका को संदेह के दायरे में मानकर चल रही है। इसके लिए टीम ने कई बार होटल से जुड़े लोगों से पूछताछ कर बयान भी दर्ज किया है। घटना के बाद होटल प्रबंधन ने सीसीटीवी का डीवीआर पुलिस द्वारा ले जाने की बात कही थी।लेकिन वीडियो मिलते ही उसकी भूमिका भी सन्देहास्पद हो गई है।

वहीं दूसरी तरफ मनीष की मौत के दूसरे दिन उसकी पत्नी मीनाक्षी की ओर से गई 6 लोगों की नामजद तहरीर में पुलिस ने केवल तीन लोगों को नामजद और अन्य को अज्ञात दर्शाया था। एसआईटी की जांच में अब इसमें भी शेष तीनों के नाम भी दर्ज हो गए हैं। इनके नाम एसआई राहुल दुबे, कांस्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार है। जबकि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कानपुर पुलिस, क्राइम ब्रांच सहित एसटीएफ की 6 टीमें दबिश दे रही है। घटना की जांच कर रही एसआईटी ने बुधवार को मृतक की पत्नी समेत उसके दोस्तों का बयान भी दर्ज किया है।

इसके पहले बुधवार को तीसरी बार एसआईटी टीम ने मेडिकल कालेज पहुंचकर वहां के प्रपत्रों की जांच की और घटना की रात ड्यूटी पर तैनात रहे डॉक्टरों, कर्मचारियों के अलग-अलग बयान भी लिए। इस दौरान मेडिकल कॉलेज की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं हो पाने के चलते कालेज गेट पर स्थित एक लैब के सीसीटीवी फुटेज चेक किया और पाया कि घटना की रात में 2 बजे के बाद रामगढ़ ताल पुलिस की गाड़ी दो बार आई है।

बुधवार को भी टीम ने लगभग एक दर्जन लोगों के बयान दर्ज किया है। अब जबकि घटना कारित करने में रामगढ़ ताल थानाध्यक्ष जेएन सिंह समेत अन्य सभी आरोपियों की पुष्टि हो गई है तो उनके बर्खास्तगी की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होने की सम्भावना जताई जा रही है।