रायबरेली: बिना उद्घाटन के ही जर्जर हो रहा विद्यालय, जिम्मेदार कौन ?

रायबरेली: बिना उद्घाटन के ही जर्जर हो रहा विद्यालय, जिम्मेदार कौन ?

रायबरेली। शिक्षा पर पानी की तरह पैसा लगाया जा रहा है, उसके बाद भी शिक्षा का स्तर नहीं सुधर सका। इसी की बानगी रायबरेली जनपद की पश्चिमी सीमा पर स्थित गांव नाथूखेड़ा मजरे गोनामऊ में मिलती है जहां लगभग सात साल पहले 2014 में प्राथमिक विद्यालय के भवन का निर्माण हो चुका था। लेकिन न …

रायबरेली। शिक्षा पर पानी की तरह पैसा लगाया जा रहा है, उसके बाद भी शिक्षा का स्तर नहीं सुधर सका। इसी की बानगी रायबरेली जनपद की पश्चिमी सीमा पर स्थित गांव नाथूखेड़ा मजरे गोनामऊ में मिलती है जहां लगभग सात साल पहले 2014 में प्राथमिक विद्यालय के भवन का निर्माण हो चुका था। लेकिन न तो दीवारों पर प्लास्टर हुआ और न ही विद्यालय परिसर में मिट्टी भरी जा सकी। जिस कारण अभी तक विद्यालय का शुभारंभ नहीं हो सका और न ही कक्षाओं का संचालन। विद्यालय न खुलने से सैकड़ों ग्रामीण बच्चों को दो से तीन किलोमीटर दूरी तय करने के बाद शिक्षा मिल रही है।

करीब सात साल पहले शासन द्वारा स्वीकृत विद्यालय में लाखों खर्च करने के बाद विद्यालय का निर्माण कार्य न पूरा न हो पाना अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच हुए भृष्टाचार को पूरी तरह से उजागर कर रहा है। फिलहाल इस समय  विद्यालय के चारों ओर तालाब सरीखा दृश्य नजर आता है। विद्यालय के आसपास भारी मात्रा में झाड़ियों और घासफूस उग चुकी है। जिसके कारण विद्यालय दिनोदिन जर्जर होता जा रहा है। मामले को यदि सम्बंधित विभाग ने संज्ञान में लेते हुए कार्यवायी नहीं की तो बच्चों को तो अव्यवस्था के कारण उनके बुनियादी अधिकार से तो वंचित रहना ही पड़ेगा साथ ही लाखों की कीमत से निर्मित विद्यालय भवन भी जल्द ही ढह जाएगा। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

ग्राम प्रधान संतोष कुमार ने बताया लगभग सात साल पहले विद्यालय का निर्माण कार्य चल रहा था। अज्ञात कारणों से  निर्माण कार्य बंद हो गया। जिसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों को दर्ज कराने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। मामले में विकास अधिकारी अंजू रानी ने बताया मामला संज्ञान में नहीं था। उच्चाधिकारियों को सूचित कर निर्माण कार्य पूरा कराके विद्यालय संचालित कराया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार से दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।