बरेली: गार्डों पर 1.45 करोड़ खर्च, अतिक्रमण रुका न अवैध पार्किंग

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के प्रवर्तन दल के गार्डों पर अब तक 1.45 करोड़ रुपये से ज्यादा मानदेय का भुगतान हो चुका है। इसके बावजूद इनकी उपयोगिता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता मो. खालिद जीलानी का कहना है कि नगर निगम प्रशासन से जब उन्होंने प्रवर्तन दल से संबंधित सूचनाएं …
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के प्रवर्तन दल के गार्डों पर अब तक 1.45 करोड़ रुपये से ज्यादा मानदेय का भुगतान हो चुका है। इसके बावजूद इनकी उपयोगिता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता मो. खालिद जीलानी का कहना है कि नगर निगम प्रशासन से जब उन्होंने प्रवर्तन दल से संबंधित सूचनाएं मांगी हैं तो कई हैरान वाले तथ्य सामने आए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता ने प्रवर्तन दल को लेकर तीन बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थीं। उसमें पहले बिंदु में यह सवाल पूछा गया था कि नगर निगम ने यूपी पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड से कितनी संख्या और किस तिथि से कितनी अवधि के लिए पूर्व सैनिक सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात किए गए हैं। इस संबंध में जवाब दिया गया है कि शासनादेश 21 दिसंबर 2018 के तहत समस्त नगर निगम में प्रवर्तन दल की स्थापना की गई है।
इसमें बरेली नगर निगम के प्रवर्तन दल में चार टीम लीडर और आठ स्क्वायड कमांडर की तैनाती की गई है। टीम लीडर का वेतन 40 हजार और स्क्वायड कमांडर का वेतन 35 हजार रुपये है। इनकी नियुक्ति पांच वर्ष के लिए हुई है और इनका हर साल नवीनीकरण होना है। आरटीआई कार्यकर्ता जीलानी ने बिंदु संख्या दो में प्रवर्तन दल में गार्ड के तौर पर तैनात पूर्व सैनिकों को लेकर उनके कार्य के संबंध में सूचनाएं मांगी गई थी।
इसमें यह जवाब दिया गया है कि प्रर्वतन दल के गार्डों को कूड़े के अवैध तौर से किए जा रहे निस्तारण को रोकना, कूड़े के अवैध भंडारण और निस्तारण को लेकर कार्रवाई, नगरीय विकास संपत्तियों के अवैध कब्जे को हटाना, अवैध विज्ञापन पर लगाम लगाने के साथ उन्हें न लगने देना, सड़कों व सार्वजनिक जगहों से अतिक्रमण हटाना, अवैध पार्किंग रोकने के साथ नगर आयुक्त के समय-समय से जारी होने वाले निर्देशों का अनुपालन करते हुए प्रवर्तन संबंधित कार्रवाई करना। बिंदु तीन में निगम ने यह स्पष्ट किया है कि पूर्व सैनिक ड्यूटी के दौरान सेना की वर्दी नहीं पहनते हैं।
जीलानी का कहना है कि इस सूचना के आधार पर प्रर्वतन दल के क्रियाकलापों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस सूचना के आधार पर यह स्पष्ट है कि प्रवर्तन दल के गार्डों के वेतन पर अब तक 1.45 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुका है। उनके वेतन भत्ते और वाहन के खर्च अलग से शामिल हैं। इतना खर्च होने के बावजूद न तो शहर में अतिक्रमण की समस्या खत्म हुई है और न ही अवैध पार्किंग आदि पर शिकंजा नहीं कसा जा पा रहा है।
नगर निगम का प्रर्वतन दल सफेद हाथी साबित हुआ है। इसमें तैनात पूर्व सैनिकों को पिछले 33 महीनों में 1.45 करोड़ रुपये से ज्यादा का वेतन भुगतान हो चुका है। इसका मुख्य कार्य अवैध पार्किंग रोकना, अतिक्रमण हटाना, कूड़े का अनुचित निस्तारण सहित दूसरे काम हैं, जबकि इतनी बड़ी धनराशि खर्च होने के बावजूद ये सारी नागरिक समस्याएं जैसी की तैसी बनी हुई हैं। -मुहम्मद खालिद जीलानी, आरटीआई कार्यकर्ता