लखनऊ: महंगाई ने बिगाड़ी गृहणियों की बजट, साज-श्रंगार में करनी पड़ी कटौती

लखनऊ। वर्तमान समय में महंगाई की मार से हर मध्यमवर्गीय परिवार प्रभावित है। जिसके चलते जहां भोजन की थाली का स्वाद कुछ फीका पड़ गया है, वहीं महिलाओं को अपने निजी शौक और साज श्रंगार में भी कटौती करनी पड़ी है। वैसे भी महंगाई बढ़ने पर सबसे ज्यादा कठिनाई घरेलू महिलाओं को ही होती है। …
लखनऊ। वर्तमान समय में महंगाई की मार से हर मध्यमवर्गीय परिवार प्रभावित है। जिसके चलते जहां भोजन की थाली का स्वाद कुछ फीका पड़ गया है, वहीं महिलाओं को अपने निजी शौक और साज श्रंगार में भी कटौती करनी पड़ी है। वैसे भी महंगाई बढ़ने पर सबसे ज्यादा कठिनाई घरेलू महिलाओं को ही होती है। रसोई से लेकर घर की रोजमर्रा की जरूरतों का बजट महिलाओं को ही मैनेज करना होता है।
गैस सिलेंडर राशन तेल आदि के दामों में लगी महंगाई की आग ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है। लखनऊ की इंदिरा नगर निवासी अंजू सिंह ने बताया कि जब जब महंगाई बढ़ती है तो इसका सबसे ज्यादा असर हम महिलाओं पर ही पड़ता है। हमारा प्रयास रहता है कि जितना हो सके उतने कम में ही घर खर्च चल जाये। इसके लिए हमें हम अपनी निजी जरूरतों के साथ भी समझौता करना पड़ता है। इतना करने के बाद भी इन दिनों महंगाई के चलते घर की जरूरतों में कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है।
कभी कभी तो इस बात को लेकर घर में मनमुटाव का माहौल भी बन जाता है। इंदिरा नगर निवासी पूनम सिंह व सपना सिंह ने बताया कि हम दोनो संयुक्त परिवार से जुड़े हैं। मिल जुलकर घरेलू खर्च चलाने का प्रयास करते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से बढ़ी महंगाई के चलते अब मिलकर भी घर का खर्च चलाने में समस्या हो रही है। पहले हम किचन में हर रोज कुछ न कुछ अलग प्रकार का पकवान बनाते थे लेकिन जब से महंगाई बढ़ी है तब से स्वाद से लेकर हमारे अपने निजी शौक में भी हमें कटौती करनी पड़ी है।
बाराबंकी निवासी वर्षा सिंह के अनुसार एक गृहणी के लिए सीमित बजट में घर के खर्च को चलाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। महंगाई के दौर में यह चुनौती और भी बड़ी हो गयी है। इस बार गैस सिलिंडर के दाम और बढ़ गये हैं जिसके चलते अब गैस की भी बचत करनी पड़ रही है। यहां तक की हर त्योहारों में जो हमें पहले शौक व उत्सुकता होती थी वो अब इस मंहगाई के बीच दब गई है। यहां तक अब खाना बनाने के लिए चूल्हे का भी उपयोग करना पड़ रहा है। घर की कमाई तो नहीं बढ़ी लेकिन महंगाई बढ़ने से काफी मुश्किल हो रही है। अब तो ये हाल है कि पति-पत्नी दोनों मिलकर भी कमाएं तो भी खर्च पूरे नहीं होते।