बरेली: साढ़ू ने दिव्यांग के पेट में मारी बैसाखी, आंत फटने से मौत

बरेली, अमृत विचार। चकरपुर गांव में 20 दिन पहले साढ़ू के साथ शराब पीने के बाद दिव्यांग राम प्रसाद का झगड़ा हो गया। इस दौरान पेट में बैसाखी लगने से दिव्यांग गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने साढ़ू पर हत्या …
बरेली, अमृत विचार। चकरपुर गांव में 20 दिन पहले साढ़ू के साथ शराब पीने के बाद दिव्यांग राम प्रसाद का झगड़ा हो गया। इस दौरान पेट में बैसाखी लगने से दिव्यांग गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने साढ़ू पर हत्या का आरोप लगाते हुए भमौरा थाने में तहरीर दी है।
भमौरा थानाक्षेत्र के देवचरा स्थित चकरपुर गांव में दिव्यांग राम प्रसाद (50) रहते हैं। कुछ साल पहले एक सड़क हादसे में उनके दोनों पैरों में काफी चोटें आई थीं। इसके चलते दोनों पैरों में रॉड डाली गई थी, जिसके बाद से ही वे बैसाखी के सहारे ही चलना-फिरना करते हैं। उनके भाई छोटे पेशकार ने बताया कि 6 अगस्त को राम प्रसाद देवचरा से अपनी दवा लेकर वापस आ रहे थे।
रास्ते में गांव के ही दो लोगों ने उनकी स्कूटी रोक ली और जबरन शराब पिलाने की बात कहने लगे। राम प्रसाद ने इंकार किया तो दोनों ने दिव्यांग के साथ मारपीट की। उनकी बैसाखी छीनकर उनके पेट पर हमला कर दिया। पेट पर बैसाखी लगने और लात-घूसों की पिटाई से दिव्यांग की आंतें फट गई थीं, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।

घटना की सूचना जब परिजनों को मिली तो उन्होंने राम प्रसाद को डेलापीर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दिव्यांग का ऑपरेशन किया गया। उनकी तबियत में सुधार न होने से परिजन अस्पतालों के चक्कर ही काटते रहे। आखिर में दिव्यांग को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चार दिन के इलाज के बाद गुरुवार की सुबह राम प्रसाद की मौत हो गई।
माता-पिता दिव्यांग, बेटे मजदूरी कर चला रहे घर का खर्च
परिजनों ने बताया कि राम प्रसाद के पैरों से लाचार होने के कुछ साल बाद ही उसकी पत्नी नत्थो के शरीर पर फालिज का असर हो गया। इसके चलते उसके आधे शरीर ने काम करना ही बंद कर दिया था। माता-पिता की ऐसी हालत, घर में खर्च की दिक्कतों और मां-बाप की दवाओं के खर्च ने दिव्यांग दंपति के बेटों को मजदूर बना दिया। परिजनों ने बताया कि रामप्रसाद के तीन बेटे हैं। अनिल, करन और पवन जिनमें से दोनों बड़े बेटे बरेली के होटल में नौकरी करते हैं। पिता की मौत के बाद तीनों बेटों और पत्नी के सिर से साया उठ गया है।
अधिकारियों के आदेश के बाद भी भमौरा पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट
दिव्यांग के भाई छोटे पेशकार ने बताया कि झगड़ा होने के बाद घायल दिव्यांग राम प्रसाद को अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद दिव्यांग की पत्नी नत्थो को किसी तरह लेकर भमौरा थाने पहुंचे। शिकायत सुनने के बाद भमौरा पुलिस ने परिजनों को फटकार लगाते हुए मामले को रफा-दफा कर दिया। इसके बाद पीड़ितों ने एसएसपी कार्यालय में भी न्याय की गुहार लगाई लेकिन अधिकारियों के आदेश के बाद भी भमौरा पुलिस आंख मूंदकर बैठी रही। न ही रिपोर्ट लिखी और न ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की।
शराब के नशे में चबूतरे से टकराने की बात आ रही सामने
एक तरफ दिव्यांग रामप्रसाद के परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भमौरा थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में दिव्यांग के शराब के नशे में चबूतरे से टकराने की बात सामने आई है। उनका कहना है कि जिन पर हत्या का आरोप है, वे साढ़ू हैं। उन्हीं की तरफ से रामप्रसाद के इलाज का खर्चा भी दिया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।