लखनऊ: महिला समानता दिवस पर छात्राओं ने पूछा सवाल, एक ही हेल्पलाइन क्यों नहीं

लखनऊ। महिला समानता दिवस पर गुरुवार को 10वीं और 12वी कक्षा की छात्राओं ने महिला सुरक्षा के लिए संचालित आशा ज्योति केंद्र (वन स्टॉप सेंटर) की कार्यप्रणाली का जायजा लिया। यहाँ किस तरह महिलाओं की समस्याएं सुनकर उसका निस्तारण किया जाता है इससे जुड़े कई सवाल भी किए। सेंटर की प्रभारी अर्चना सिंह ने स्टूडेंट्स …
लखनऊ। महिला समानता दिवस पर गुरुवार को 10वीं और 12वी कक्षा की छात्राओं ने महिला सुरक्षा के लिए संचालित आशा ज्योति केंद्र (वन स्टॉप सेंटर) की कार्यप्रणाली का जायजा लिया। यहाँ किस तरह महिलाओं की समस्याएं सुनकर उसका निस्तारण किया जाता है इससे जुड़े कई सवाल भी किए। सेंटर की प्रभारी अर्चना सिंह ने स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब दिया। एक संस्था के माध्यम से सिंधी गल्र्स इंटर कॉलेज की छात्राओं को आशा ज्योति केंद्र का विजिट करवाया गया। छात्राओं से सबसे पहले वन स्टॉप सेंटर से जुड़े कई सवाल किए।
पूछा कि एक ही छत के नीचे किस तरह से महिलाओ को सारी सुविधाएं दी जाती हैं। प्रभारी अर्चना सिंह ने बताया कि केंद्र में महिलाओं की समस्या सुनकर उनकी काउंसलिंग की जाती है। मामला गम्भीर होने पर सम्बंधित थानों में केस दर्ज करवाया जाता है, पीडि़ताओं को रात गुजारने के लिए शेल्टर दिया जाता है। घरेलू हिंसा की शिकार या किसी समस्या में फसी महिला की कॉल पर उन्हें रेस्क्यू करके यहां लाया जाता है। छात्राओं ने सवाल किया कि महिलाओं की समस्या को सुलझाने के लिए सरकार कई हेल्पलाइन क्यों चला रही है। जिस तरह आशा ज्योति केंद्र में एक छत के नीचे सभी सुविधाएं दी जा रही उसी तरह एक हेल्पलाइन से सारी समस्याएं भी हल की जा सकती हैं।
अर्चना सिंह ने बताया कि इतनी बड़ी आबादी वाले प्रदेश में कोई भी महिला न्याय से वंचित न रहे इस लिए अलग-अलग तरह की समस्याओं के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन बनाई गई है। 1090 महिलाओं के लिए डिजिटल प्लेटफार्म है। 181 महिलाओं के लिए ऑन कॉल इमरजेंसी सेवा है। 1098 पर बच्चों से जुड़ी कोई भी शिकायत की जा सकती है। 1076 कॉमन हेल्पलाइन है जिसपर हर तरह की समस्याएं सुनी जाती हैं। बच्चियों ने पूछा कि इन हेल्पलाइन पर सूचना देने वाली महिलाओ की गोपनीयता रखी जाती है। प्रभारी ने बताया कि सूचना देने वालों और पीडि़त महिलाओं की जानकारी पूरी तरह से गुप्त रहती है।