बरेली: पॉश इलाकों की कॉलोनियों के गेट बंद, आवागमन बाधित होने से दिक्कत में राहगीर

बरेली, अमृत विचार। शहर की तमाम पॉश इलाकों की कॉलोनियों में गेट बंद रहने से लोगों को आने-जाने में दिक्कतें हो रही हैं। कई कॉलोनियों में रात में गेट बंद होते हैं लेकिन तमाम ऐसी भी कॉलोनियां हैं, जहां लोग दिन में भी गेट बंद रखकर आवागमन बाधित कर देते हैं। इसको लेकर आपत्तियां हैं …
बरेली, अमृत विचार। शहर की तमाम पॉश इलाकों की कॉलोनियों में गेट बंद रहने से लोगों को आने-जाने में दिक्कतें हो रही हैं। कई कॉलोनियों में रात में गेट बंद होते हैं लेकिन तमाम ऐसी भी कॉलोनियां हैं, जहां लोग दिन में भी गेट बंद रखकर आवागमन बाधित कर देते हैं। इसको लेकर आपत्तियां हैं तो कई लोग सुरक्षा के लिहाज से इसे उचित बताते हुए पुरजोर पैरवी भी कर रहे हैं।
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि अराजक तत्वों पर शिकंजा कसने के साथ चोरी की घटनाओं को रोकने में काफी मदद मिलती है। इस बावत नगर निगम के अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि कॉलोनी के लोग आपसी सहमति के आधार पर केवल रात में गेट बंद कर सकते हैं।
करीब एक दशक से शहर में गेटबंद कॉलोनियों का प्रचलन काफी बढ़ गया है। सुरक्षात्मक लिहाज से कॉलोनी के लोग गेटबंद करने को काफी प्राथमिकता दे रहे हैं लेकिन इससे दिक्कत ये खड़ी हो रही है कि कई कॉलोनियों के गेट बंद होने से लोगों को लंबा चक्कर काट कर गुजरना पड़ रहा है। जबकि सार्वजनिक मार्गों को इस तरह से बंद नहीं किया जा सकता। जबकि शहर के पॉश इलाके राजेंद्रनगर, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क, सूरजभान कॉलेज के पास, आईवीआरआई रोड की तरफ बनी तमाम गेट बंद कॉलोनियों में इसे लेकर दिक्कत खड़ी हो रही है।
हालांकि मॉडल टाउन में भी बड़ी संख्या में कॉलोनियों में गेट लगे हैं, वे रात में ही बंद होते हैं। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि कोरोना काल में कुछ गेटों को बंद किया गया है। रात में बड़ी संख्या में कार सहित अन्य वाहन घरों के बाहर खड़े रहते हैं। उनकी चोरी रोकने, महिलाओं से छेड़छाड़, चोरी सहित अन्य आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए कॉलोनी के गेटों को केवल रात में 11 से सुबह 5 बजे तक बंद किया जाता है। वहां भी गार्ड तैनात रहते हैं। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि मॉडल टाउन के गेट रात में बंद होने से कई बार लोगों को अनावश्यक लंबा चक्कर काटना पड़ रहा है।
इधर डेलापीर की ओर चार खंभा रोड पर गुरुद्वारे के पास कॉलोनी में हर वक्त गेट में ताला पड़ा रहता है। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। करीब दो साल पहले यहां गेट को बंद किए जाने को लेकर काफी विरोध हुआ था लेकिन इसका गेट नहीं खुल सका। उधर रामपुर गार्डन में भी कई जगहों पर गेट तो लगे हैं और कई बार उनके दिन में बंद किए जाने के मामले सामने आए हैं। कुछ दिन पहले नगर निगम ने यहां एक कॉलोनी के गेट को खुलवाया भी था। इसी तरह शहर की तमाम अन्य कॉलोनियों का भी यही हाल है।
कॉलोनी की भौगोलिक स्थिति के आधार पर किसी कॉलोनी में गेट को बंद या खुला रखना चाहिए। कई बार कॉलोनियों में भारी वाहन चालक आने-जाने का रास्ता बना लेते हैं। इससे हादसे की संभावना के साथ सड़कें भी खराब हो जाती हैं। जबकि इन वाहनों को मुख्य मार्ग से गुजरना चाहिए। -संजय आनंद, निवासी, राजेंद्र नगर, ए-ब्लॉक
कॉलोनी में गेट बंद रहने से कुछ लोगों को आवागमन में परेशानी जरूर होती है लेकिन कॉलोनी के लोगों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। हालांकि दिन में आवाजाही पर रोक नहीं होनी चाहिए। ये व्यवस्था भी है लेकिन रात में आपराधिक घटनाओं को रोकने में गेटबंद कॉलोनी कारगर हैं। – आशीष गुप्ता, राजेंद्रनगर, चिरंजीव लाल गुप्ता पार्क के पास
गेटबंद कॉलोनियों में अगर मनमाने तरीके से गेट बंद किए जा रहे हैं तो गलत है लेकिन रात में अगर सुरक्षा को लेकर यह व्यवस्था बनाई गई है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। इससे लोगों खुद ज्यादा महफूज भी महसूस करते हैं। -अखिल आहूजा, मॉडल टाउन
मॉडल टाउन में दिन में कॉलोनी के कोई भी गेट बंद नहीं रहते। रात में 11 से सुबह 5 बजे तक कॉलोनी वालों की आम सहमति के आधार पर ही गेट बंद किए जाते हैं, वहां भी गार्ड की व्यवस्था है। केवल कोरोना काल में दिन में कुछ गेट बंद किए थे। -मनोज अरोरा, व्यापारी, मॉडल टाउन
कॉलोनी में गेट लगाने में कोई हर्ज नहीं लेकिन उसे बंद करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि वह रास्ता आम जनता के लिए कितना महत्वपूर्ण है। अगर उस रास्ते से होकर कोई महत्वपूर्ण जगह लोगों का आना-जाना रहता है तो उस पर लगाम कसनी चाहिए। – गौरव गोयल, प्रेमनगर
राजेंद्रनगर में कई जगहों पर अगर कॉलोनी का कोई एक तरफ का गेट बंद किया गया है तो ऐसा करने से पहले सभी की सहमति ली गई है। इसलिए गेटबंद कॉलोनी को लेकर कोई ज्यादती नहीं हो रही। नगर निगम में मैंने इसे लेकर प्रस्ताव भी रखा था। -सतीश चंद्र सक्सेना मम्मा, पार्षद राजेंद्रनगर