बरेली: मिठाईयों से एक्सपाइरी डेट का टैग गायब, डिब्बों में 100 ग्राम तक मिठाई कम

बरेली: मिठाईयों से एक्सपाइरी डेट का टैग गायब, डिब्बों में 100 ग्राम तक मिठाई कम

बरेली, अमृत विचार। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने खुली मिठाई के डिब्बों पर एक्सपायरी डेट यानी बेस्ट बिफोर यूज लिखने को अनिवार्य कर दिया था। जिसके तहत खुली मिठाई बेचने वाले दुकानदारों को डिब्बे पर मिठाई खराब होने की तारीख लिखना अनिवार्य है लेकिन शहर में नामी मिठाई दुकानदार नियमों की खुलेआम अव्हेलना कर …

बरेली, अमृत विचार। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने खुली मिठाई के डिब्बों पर एक्सपायरी डेट यानी बेस्ट बिफोर यूज लिखने को अनिवार्य कर दिया था। जिसके तहत खुली मिठाई बेचने वाले दुकानदारों को डिब्बे पर मिठाई खराब होने की तारीख लिखना अनिवार्य है लेकिन शहर में नामी मिठाई दुकानदार नियमों की खुलेआम अव्हेलना कर रहे हैं।

मिलावटखोरी के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चला रहे एफएसडीए विभाग की नजर भी इन मिठाई के दुकानदारों पर नहीं पड़ रही। रक्षाबंधन पर मिठाई की दुकानों पर भीड़ है। शनिवार को अमृत विचार की टीम ने कई दुकानों का रिएलिटी चेक किया जहां इक्का-दुक्का दुकान को छोड़कर कहीं भी मिठाई पर एक्सपाइरी डेट नजर नहीं आई।

बता दें कि नियम के मुताबिक मिठाई की दुकान के डिस्प्ले में रखी मिठाई के निर्माण की तिथि और खराब होने की तारीख का ब्योरा चस्पा करना होता है। लेकिन रिएलिटी चेक के दौरान केवल सिविल लाइंस स्थित किप्स स्वीट्स और शाहमतगंज स्थित अजंता स्वीट्स पर टैग मिले। इसके अलावा अधिक वजन के डिब्बों में मिठाई देकर जमकर घटतौली की जा रही है। कई दुकानों पर एक किलो के खाली डिब्बे और मिठाई से भरे डिब्बे के वजन में 100 ग्राम तक का अंतर मिला।

केस-1-ग्लोरी स्वीट्स

सिविल लाइंस स्थित ग्लोरी स्वीट्स पर रक्षाबंधन के चलते मिठाई खरीदने आए लोगों की भारी भीड़ नजर आई। यहां काजू कतरी, पेड़ा, बर्फी से लेकर दर्जनों मिठाईयां डिस्पले में लगी थीं लेकिन किसी भी मिठाई पर बेस्ट बिफोर का टैग नजर नहीं आया। इसके बारे में पूछने पर दुकानदार रोहित खंडेलवाल इस नियम से अंजान बनने लगे। इसके अलावा खाली डिब्बे और मिठाई के साथ डिब्बे के वजन में 100 ग्राम से अधिक का फर्क था।

केस-2-पीके स्वीट्स

सिविल लाइंस स्थित पीके स्वीट्स में मिठाई खरीदने वालों की भीड़ थी लेकिन यहां किसी भी मिठाई पर बेस्ट बिफोर का टैग नहीं लगाया गया था। टैग नहीं लगाने का कारण पूछा तो दुकान संचालक किशोर देवनानी रक्षाबंधन पर अधिक बिक्री होने का बहाना बनाने लगे। उनका तर्क था कि जब हर थोड़ी देर में मिठाई की ट्रे खाली हो जा रही है तो टैग लगाने का कोई मतलब नहीं। इसके अलावा खाली डिब्बे और मिठाई से भरे डिब्बे के वजन में 100 ग्राम के आसपास अंतर था।

केस-3-प्रकाश स्वीट्स

आलमगीरीगंज स्थित प्रकाश स्वीट्स पर खुली मिठाईयों से बेस्ट बिफोर का टैग गायब था। इसके बारे में दुकान संचालक विवेक से पूछा गया तो उन्होने बताया कि टैग बनने के लिए दिए गए हैं जिसकी वजह से मिठाईयों पर टैग नहीं लगे हैं। वहीं खाली डिब्बे और मिठाई से भरे डिब्बे के वजन में मामूली अंतर था।

इस तरह की घटतौली करने वाले दुकानदारों पर प्रति यूनिट 10 हजार रुपए तक का जुर्माना डाला जाता है। घटतौली पर विभाग की टीमें समय-समय पर कार्रवाई करती हैं। अगर कहीं गड़बड़ की शिकायत आती है तो टीम भेजकर कार्रवाई की जाएगी। -मनोज कुमार, सहायक नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान विभाग

मिलावटखोरी के खिलाफ विभाग की टीमें रक्षाबंधन पर अभियान चला रही हैं। मिठाई पर बेस्ट बिफोर यूज के टैग लगाना अनिवार्य है। अगर कहीं नियम का उल्लंघन हो रहा है तो इसको दिखवाकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। -धर्मराज मिश्रा, जिला अभिहित अधिकारी

एफएसीडीए ने सीबीगंज में की खानापूर्ति
मिलावटी मिठाई बिकने की शिकायत पर खाद विभाग की टीम ने सीबीगंज स्थित दो दुकानों पर छापा मारा। दोनों दुकानों पर सैंपलिंग की खानापूर्ति कर टीम वापस लौट गई। जबकि स्लीपर रोड पर स्थित आधा दर्जन मिठाई की दुकानों पर विभाग की टीमें भटकी तक नहीं। बता दें कि एफएसडीए की टीम शनिवार को रामपुर रोड स्थित हरीश स्वीट्स पहुंची थी, जहां मिठाई के नमूने भरे गए। इसके बाद टीम खलीलपुर रोड पर राजू स्वीट्स के यहां पहुंची, यहां भी मिठाई के नमूने लिए। लेकिन टीम सीबीगंज कस्बे में केवल दो दुकानों पर कार्रवाई कर चलती बनी। विभाग की इस खाना पूर्ति से कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।