बरेली: कोर्ट की सख्ती से डरे हत्यारोपी पप्पू गिरधारी अदालत में नहीं हुए हाजिर

विधि संवाददाता, अमृत विचार, बरेली। बहुचर्चित सिविल लाइंस के जैन हत्याकांड में मुख्य हत्यारोपी उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी शनिवार को कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। ट्रायल कोर्ट एडीजे-6 अब्दुल कय्यूम की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हत्यारोपी पप्पू गिरधारी के विरुद्ध जारी …
विधि संवाददाता, अमृत विचार, बरेली। बहुचर्चित सिविल लाइंस के जैन हत्याकांड में मुख्य हत्यारोपी उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी शनिवार को कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। ट्रायल कोर्ट एडीजे-6 अब्दुल कय्यूम की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हत्यारोपी पप्पू गिरधारी के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट को बरकरार रखते हुए अगली सुनवाई को 10 सितम्बर की तिथि नियत की है।
माना जा रहा है कि कोर्ट की सख्ती की वजह से पप्पू गिरधारी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इसलिए पूर्व में पप्पू गिरधारी ने अपने अधिवक्ता के जरिए केस को दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की अर्जी जिला जज की अदालत में दी थी, जिस पर सुनवाई को 27 अगस्त की तिथि नियत है।
बता दें कि बीती 29 जुलाई व फिर 5 अगस्त को हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए गैर जमानती वारंट जारी कर तलब किया था, मगर पप्पू गिरधारी शनिवार को भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए जिस पर कोर्ट ने वारंट बरकरार रखा है। बारादरी पुलिस ने भी बीते दिनों वारण्ट के तामिल कराने के लिए पप्पू गिरधारी के घर पर दबिश दी थी मगर उनके मौजूद न मिलने पर पुलिस भी खाली हाथ लौट आयी थी।
अपनी जान को खतरा बता कोर्ट से गनर की मांग कर चुका हत्यारोपी
अपनी जान को खतरा बताते हुए हत्यारोपी पप्पू गिरधारी ने बीते वर्ष एडीजे-6 की अदालत मे अर्जी देकर गनर दिलाये जाने के लिए कप्तान को आदेशित किये जाने के लिए भी अदालत से याचना की थी। जिसको अदालत ने 20 अगस्त 2020 को खारिज कर दिया था। अर्जी में कहा था कि वह राजनैतिक व्यक्ति हैं।
साहू राठौर विकास समिति लखनऊ का करीब 25 वर्षों से प्रांतीय अध्यक्ष, पूर्व में महानगर का सभासद भी रह चुका है और वर्ष 2000 में बरेली से मेयर का चुनाव भी लड़ा। वनखण्डीनाथ धाम गौशाला प्रबंध समिति जोगी नवादा, श्री रामलीला समिति जोगी नवादा का अध्यक्ष है और श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा जिला हरिद्वार (उत्तराखंड) का राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। बैठकों में शामिल होने के लिए सम्पूर्ण भारत में आना-जाना पड़ता है। सुरक्षा की मांग करते हुए आला अधिकारियों को अर्जियां दी मगर सुरक्षा नहीं मिली।
मुकदमा कोर्ट में लंबित होने का भी हवाला दिया था। बताया कि उसको जान माल का खतरा बना हुआ है। एक बार उसकी गर्दन पर गोली मारी गयी थी। वह काफी उपचार के बाद बच सका था। सरकारी खर्चे पर दो गनर दिलाये जाने का आदेश एसएसपी को देने की याचना की थी। सरकारी वकील ने अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया था कि पप्पू गिरधारी गम्भीर हत्याकांड में आरोपी हैं। कोर्ट द्वारा गनर प्रदान किये जाने पर अभियोजन साक्षियों को डराने, धमकाने, सही साक्ष्य न देने, भयभीत करने का काम करेगा और गनर मिलने से रुतबा होने से आरोपी के विरुद्ध गवाह निर्भीक होकर साक्ष्य भी नहीं दे पायेंगे। जिस पर कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी।