सायरस पूनावाला बोले- मोदी के शासनकाल में लालफीताशाही और लाइसेंस राज में…

सायरस पूनावाला बोले- मोदी के शासनकाल में लालफीताशाही और लाइसेंस राज में…

पुणे। टीका निर्माता कंपनी ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष सायरस पूनावाला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की शुक्रवार को सराहना की और कहा कि इसके शासनकाल में लालफीताशाही और लाइसेंस राज में कमी आई है। पूनावाला ने बीते वक्त को याद किया जब करीब 50वर्ष पहले अनुमति लेने के लिए उद्योगों को ‘मुश्किलों’ …

पुणे। टीका निर्माता कंपनी ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष सायरस पूनावाला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की शुक्रवार को सराहना की और कहा कि इसके शासनकाल में लालफीताशाही और लाइसेंस राज में कमी आई है। पूनावाला ने बीते वक्त को याद किया जब करीब 50वर्ष पहले अनुमति लेने के लिए उद्योगों को ‘मुश्किलों’ का सामना करना पड़ता था और ”नौकरशाह उनका उत्पीड़न करते थे।

पूनावाला ने कहा कि अतीत में उन्हें मंजूरी के लिए नौकरशाहों और औषधि नियामकों के ”पैरों पर गिरना” पड़ा, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और इसी कारण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) का कोविड-19रोधी टीका कोविशील्ड शीघ्र आ पाया। उन्होंने लोकमान्य तिलक न्यास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्हें इस कार्यक्रम में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

डॉ पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट की स्थापना 1966 में मेरा विवाह विल्लू से होने के बाद हुई थी। यह पुरस्कार मैं अपनी प्यारी दिवंगत पत्नी को समर्पित करता हूं। 50 वर्ष पहले उद्योगों को मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी की नौकरशाहों से अनुमति मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। नौकरशाह उनका उत्पीड़न करते थे….वैसे मुझे यह सब नहीं कहना चाहिए।” उन्होंने कहा कि लालफीताशाही और लाइसेंस राज समाप्त हुआ,और इसकी वजह से कोरोना वायरस रोधी टीका जल्दी से आ पाया।

एसआईआई के अध्यक्ष ने कहा कि हम अपना टीका इतनी जल्दी लॉन्च कर पाए उसके पीछे यकीनन एक वजह अनुदान या अनुमति मिलना रही, लाइसेंस राज समाप्त होने से उद्योगों को प्रोत्साहन मिला। हमारे पास एक औषधि नियामक है जो शाम को कार्यालय का वक्त समाप्त होने के बाद भी जवाब देता है। अब ‘मस्का लगाने’ की जरूरत नहीं है।

पुरस्कार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा हालांकि उन्हें अमेरिका, ब्रिटेन और अतीत में कई अन्य देशों से पुरस्कार मिला है लेकिन उनके लिए यह बहुत मायने रखता है। इस अवसर पर न्यास के अध्यक्ष दीपक तिलक ने कहा किअस्थाई और चुनौतीपूर्ण स्थितियों में एसआईआई ने स्वदेशी टीका निर्माण में कठिन प्रयास किए,जिससे कोविड-19से जुड़़े भय को कम करने में मदद मिली। यह डॉ सायरस पूनावाला और उनकी टीम के प्रयासों का नतीजा है।” पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने भी पूनावाला की सराहना की।

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