शिक्षिका प्रकरण : सौदागरी के खेल में तड़प कर संवेदना ने तोड़ दिया दम

शिक्षिका प्रकरण : सौदागरी के खेल में तड़प कर संवेदना ने तोड़ दिया दम

अमरोहा,अमृत विचार। रुपये का मोल जिंदगी पर भारी पड़ गया। बेहतर उपचार की चिंता छोड़कर पुलिस-प्रशासन पर दबाव की वह नींव डाली गई, जिसके आधार पर जिंदगी का मोलभाव हो सके। अमरोहा की शिक्षिका की मौत की दर्दनाक दास्तां सबके सामने है। क्योंकि मृतका के परिजनों की रहस्यमय गतिवधि व पुलिस की भूमिका पर उठे …

अमरोहा,अमृत विचार। रुपये का मोल जिंदगी पर भारी पड़ गया। बेहतर उपचार की चिंता छोड़कर पुलिस-प्रशासन पर दबाव की वह नींव डाली गई, जिसके आधार पर जिंदगी का मोलभाव हो सके। अमरोहा की शिक्षिका की मौत की दर्दनाक दास्तां सबके सामने है। क्योंकि मृतका के परिजनों की रहस्यमय गतिवधि व पुलिस की भूमिका पर उठे तीखे सवाल आंख पर बंधी पट्टी को एक झटके में खोलने के लिए पर्याप्त हैं।

अमरोहा जिले के हसनपुर की जयश्री 11 अगस्त को सड़क हादसे में घायल हो गईं। उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। जयश्री की बाइक को जिस कार ने टक्कर मारी, उसमें सवार यात्रियों की मदद से महिला निजी अस्पताल में भर्ती कराई गई। कार सवारों की संवेदनशीलता ने घायल शिक्षिका के परिजनों को प्रभावित भी किया। परिणाम हुआ कि प्रकरण पुलिस के चौकठ पर होने के बाद भी कानूनी कार्रवाई अधर में लटक गई। क्योंकि कार मालिक ने शिक्षिका के इलाज पर होने वाले पूरा खर्च वहन करने की हामी भर ली थी। कार मालिक की हामी और शिक्षिका के परिजनों की स्वीकारोक्ति ने पुलिस को किनारे खड़े रहने पर मजबूर किया।

17 अगस्त को मामले में तब अचानक नया मोड़ आया, जब शिक्षिका की तबियत और बिगड़ गयी। चिकित्सकों ने उसे दिल्ली रेफर कर दिया। तब परिजनों ने कार मालिक से संपर्क किया। आपबीती बताते मदद की गुहार लगाई। कार मालिक को जब पता चला कि उसके जेब पर बोझ बढ़ेगा। कार की कीमत से भी अधिक रकम चुका कर शिक्षिका की जान बचानी होगी। तो वह अपने वादे से मुकर गया। इधर, बेहोशी की हालत में वेंटीलेटर पर पड़ी शिक्षिका की सांसों की गति वक्त के साथ ही धीमी होने लगी। ऐसे हालात में शिक्षिका को उचित अस्पताल में तत्काल ले जाने की बजाय परिजन दबाव के खेल में उलझ गए।

सड़क हादसे में अमरोहा की शिक्षिका की मौत ने पुलिस ही नहीं परिजनों की भूमिका पर भी सवाल
वेंटीलेटर पर शिक्षिका को साथ लेकर परिजन एसएसपी कैंप कार्यालय पहुंचे। वहां करीब डेढ़ घंटे का समय बीत गया। दबाव के तहत परिजनों को भले ही मुकदमे की कांपी हाथ लग गई, लेकिन दिल्ली पहुंचने से पहले शिक्षिका ने दम तोड़ दिया। कुसूरवार मझोला पुलिस बताई जा रही है। लेकिन, कार मालिक के प्रलोभन में फंसकर वक्त के हाथ की कठपुतली बने परिजनों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मझोला के वह अपराध निरीक्षक भी कटघरे में खड़े हैं, जिनकी मौजूदगी में पुलिस को घेरने की व्यूह रचना की गई। शिक्षिका की मौत से किसी ने बेटी खोई है तो किसी ने बहन और किसी ने बीवी। संवेदनहीनता की नई नजीर बनी यह घटना और इसके जिम्मेदारों की भूमिका पर तो जरूर सवाल उठेंगे।

चालक के खिलाफ दर्ज होगी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
सीओ सिविल लाइन आशुतोष तिवारी ने बताया कि मामले में एक मुकदमा बुधवार देर शाम ही मझोला पुलिस ने दर्ज कर लिया था। शिक्षिका की मौत की सूचना देर रात मिली। गैर इरादतन हत्या की धारा मुकदमे में तरमीम कर दी जाएगी। कार को पुलिस ने बरामद कर लिया है। आरोपित चालक की गिरफ्तारी का प्रयास शुरू कर दिया गया है।

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