मध्यावधि चुनाव से पहले अमेरिका में चरमपंथी हिंसा की चेतावनी
वाशिंगटन। अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के मात्र एक सप्ताह पहले निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी के पति पर शुक्रवार को हुए हमले के बाद चुनाव से पहले अतिवादियों की ओर से हिंसा भड़काने जैसी आशंकाएं बढ़ने लगी हैं। बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि पॉल पेलोसी पर हमले के बाद कुछ घंटों बाद …
वाशिंगटन। अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के मात्र एक सप्ताह पहले निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी के पति पर शुक्रवार को हुए हमले के बाद चुनाव से पहले अतिवादियों की ओर से हिंसा भड़काने जैसी आशंकाएं बढ़ने लगी हैं। बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि पॉल पेलोसी पर हमले के बाद कुछ घंटों बाद अमेरिकी सरकार की ओर से सुरक्षा बलों को एक चेतावनी जारी करते हुए सतर्क रहने को कहा गया।
चेतावनी में यह भी कहा गया कि चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ हिंसा होने का खतरा है। अमेरिका के जस्टिस्ट डिपार्टमेंट की ओर से शुक्रवार को बताया कि पेंसिलवेनिया से किसी व्यक्ति ने उच्च सदन कांग्रेस के किसी अनाम सदस्य की हत्या किये जाने की फोन पर कई बार धमकी दी। इतना ही नहीं एक अन्य धमकी में कहा गया कि वाशिंगटन स्थित कार्यालय में कांग्रेस के स्टाफ का ही कोई व्यक्ति हथियार लेकर आ रहा है।
अमेरिका-चुनाव हिंसा आशंका दो अंतिम
अमेरिकी चुनावी प्रक्रिया पर चुनावी द्वंद के पीछे यही कारण माना जा रहा है कि आगामी चुनावों के बाद यह फैसला होगा कि उच्च सदन में अगले साल रिपब्लिकन या डेमोक्रेट्स में से किसका पलड़ा भारी होगा। कौन सा दल होगा जिसके हाथ में कांग्रेस होगा। रिपब्लिकंस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि डेमोक्रेट पक्ष के राष्ट्रपति जो बिडेन पर लगाम कसने का यह आखिरी मौका है। दूसरी ओर डेमोक्रेट्स का कहना है कि 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के बाद आये परिणामों को स्वीकार करने से कई रिपब्लिकन उम्मीदवारों ने ही मना कर दिया था जिसके बाद से अमेरिकी लोकतंत्र पहले ही दांव पर लगा है।
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसे हालातों के बीच पूरे साल ही हिंसा की घटनाएं लगातार ही होती रहीं। हिंसा की यह घटनाएं किसी राज्य विशेष में न होकर लगभग सभी जगहों पर हुई हैं। अरिजोना,वाशिंगटन के उपनगरीय इलाके,सीएटल आदि सभी जगहें हुई और विभिन्न राज्यों से उच्च सदन के सदस्यों को धमकियां दिये जाने की घटनाएं भी लगातार सामने आयीं। रिपोर्ट में बताया गया कि इस बीच अमेरिकी पुलिस के द्वारा देश में बढ़ रही हिंसा को लेकर जारी किये गये आंकडों में यह साफ होता है कि कांग्रेस के सदस्यों के खिलाफ धमकियों के मामले 2017 से लगातार बढ़े हैं। वर्ष 2022 के पहले तीन महीनों में तो ऐसी 1800 घटनाएं दर्ज की गयीं।
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