बिहार में अधिकारियों के तबादले का विवाद और गहराया
पटना। बिहार में सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन को लेकर विवाद गहरा गया है। पिछले वर्ष जुलाई के पहले सप्ताह में स्थानांतरण एवं पदस्थापन को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। तब नीतीश सरकार में कथित तौर पर अफसरशाही के खिलाफ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) कोटे के मंत्री ने ही बगावत कर दी …
पटना। बिहार में सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन को लेकर विवाद गहरा गया है। पिछले वर्ष जुलाई के पहले सप्ताह में स्थानांतरण एवं पदस्थापन को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। तब नीतीश सरकार में कथित तौर पर अफसरशाही के खिलाफ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) कोटे के मंत्री ने ही बगावत कर दी थी।
अपने विभाग में 30 जून तक बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) के तबादले का आदेश जारी नहीं होने से नाराज समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में मंत्रियों की हैसियत चपरासी के बराबर नहीं। अब एक बार फिर अधिकारियों के तबादले को लेकर वबाल मच गया है।
इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोटे के मंत्री द्वारा किये गये स्थानांतरण एवं पदस्थापन को मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद रद्द किया गया है। इससे नाराज राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि विभाग चलाने से क्या फायदा जहां मंत्रियों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं हो।
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