नया साल करीब, धधकने लगी कच्ची शराब की भट्टियां, खानापूर्ति कर रहा आबकारी विभाग
लखनऊ, अमृत विचारः क्रिसमस से लेकर नये वर्ष में लोग जमकर मदिरा का सेवन करते है। इस दौरान गांवों में शराब की बिक्री बढ़ जाती है। नये वर्ष के आगमन पर शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए कच्ची शराब की भट्टियां तेजी से धधक रही है। इस काम में पुरुष और महिलाएं दोनों ही शामिल हैं। शहर से सटे कई गांवों में कच्ची शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। आबकारी विभाग की कार्रवाई भी सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित है।
लखनऊ के आसपास के क्षेत्रों के गांवों में अवैध रूप से कच्ची व मिलावटी शराब बनाने का काम तेजी से शुरू हो गया है। शराब बनाने के काम में पुरुषों के साथ महिलाएं भी सक्रिय हैं। ऐसी ही मिलावटी शराब के कारण बीते वर्षों में कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद पुलिस और आबकारी विभाग सुस्त है। आबकारी विभाग की ओर से अभियान चलाया जाता है लेकिन यह अभियान सिर्फ खानापूर्ति ही है। क्योंकि इन लोगों को पकड़ने के बावजूद कच्ची शराब बनाने का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। इन लोगों को न तो पुलिस का खौफ है और न ही आबकारी विभाग का। पिछले 10 वर्षो में अवैध कच्ची शराब पीने से कई लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद कच्ची शराब का कारोबार अपने पैर पसारते जा रहा है। बंथरा इलाके के नटखेड़ा, दरियापुर, तेरवा, नानमऊ, मलिहाबाद का दतली गांव, माल थाने के अन्तर्गत राम नगर, वीरपुर, साहमऊ, पीर नगर, थरी सुरती खेड़ा सहित अनेक गांव है जहां कच्ची शराब का कारोबार चल रहा है। उप आबकारी आयुक्त नीरज वर्मा ने बताया कि समय-समय पर आबकारी विभाग की ओर से अभियान चलाकर इन गांवों से शराब बरामद की गई है और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
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