तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल सरकार ने भी PFI को किया बैन, AIBA ने बताया ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल सरकार ने भी PFI को किया बैन, AIBA ने बताया ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु सरकार ने एक आदेश जारी कर PFI और उससे संबंधित संगठनों को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया। बता दें कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के …

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु सरकार ने एक आदेश जारी कर PFI और उससे संबंधित संगठनों को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया। बता दें कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से बैन को लेकर अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है।

बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट गुरुवार सुबह बैन कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की शिकायत पर ट्विटर इंडिया ने ये कदम उठाया है। आज बैन किए गए पीएफआई के ट्विटर अकाउंट (@PFIofficial) में करीब 81,000 फॉलोअर्स थे।

 

एआईबीए ने बताया सर्जिकल स्ट्राइक
ऑल इंडिया बार असोसिएशन (एआईबीए) ने बुधवार को पीएफआई पर बैन लगाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की एक और सर्जिकल स्ट्राइक है। संगठन ने कहा, पीएफआई पर प्रतिबंध लगाकर राष्ट्रीय एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए एआईबीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताता है।

एआईबीए ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार को पीएफआई के नेटवर्क को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने के साथ ही एक अलग बैनर के तहत दोबारा सिर उठाने की उसकी कोशिशों को नाकाम कर देना चाहिए।

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं एआईबीए के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने कहा, पीएफआई पर प्रतिबंध लगाकर राष्ट्रीय एकता और अखंडता सुनिश्चित करने की दिशा में एक और सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए ऑल इंडिया बार एसोसिएशन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का तहेदिल से आभार जताता है।

अग्रवाल ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के प्रहरी बने रहने, सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पीएफआई अपनी आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अलग-अलग नाम और बैनर के तहत दोबारा सिर न उठाए।

द मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एमएसओ) सहित कुछ मुस्लिम संगठनों ने भी पीएफआई के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है।

केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके कई सहयोगियों पर आईएसआईएस सहित अन्य वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाते हुए एक सख्त आतंकवाद निरोधी कानून के तहत उन्हें पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सूफी छात्र संगठन एमएसओ ने पीएफआई और उसके सहयोगियों पर लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध को ‘उचित’ करार दिया।

एमएसओ ने एक बयान जारी कर कहा कि पीएफआई मुस्लिम युवाओं, छात्रों, महिलाओं, बच्चों, इमाम और भारत के आम लोगों के साथ खतरनाक चीजों पर काम कर रहा था, जिसे जायज नहीं ठहराया जा सकता। अजमेर स्थित ऑल इंडिया सूफी सज्जादनशीं काउंसिल (एआईएसएससी) ने भी एक बयान जारी कर प्रतिबंध का समर्थन किया।

एआईएसएससी ने कहा कि संगठन का मानना ​​है कि अगर यह कार्रवाई कानून का पालन सुनिश्चित करने और आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए की गई है तो सभी को धैर्य का परिचय देना चाहिए और सरकार और जांच एजेंसियों के इस कदम का स्वागत करना चाहिए।

UAPA के तहत की गई कार्रवाई
गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि सरकार यूएपीए की धारा 3(1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीएफआई (PFI) और उसके सहयोगियों या सहयोगियों या मोर्चो को गैरकानूनी संघ घोषित करती है।

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