ऋग्वेद
साहित्य 

ऋग्वैदिक संस्कृति का तिथि निर्धारण

ऋग्वैदिक संस्कृति का तिथि निर्धारण प्राचीन भारतीय इतिहास में ऋग्वैदिक संस्कृति का तिथि निर्धारण एक मुश्किल और अतिविवादित कार्य रहा है। ऋग्वेद की तिथि को हड़प्पा सभ्यता जो आंशिक रूप से 1900 ई0 पू0 के लगभग पतन की ओर अग्रसर हुई उसके पहले का नहीं माना जा सकता, क्योंकि जिस सप्तसैंधव प्रदेश का विस्तृत वर्णन ऋग्वेद में एक ग्रामीण परिवेश …
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धर्म संस्कृति 

रूद्र–शिव सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ देव–जगदगुरु

रूद्र–शिव सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ देव–जगदगुरु ऋग्वेद के दितीय मंडल के सूक्त तैतीस के मन्त्र में मंत्र् -दृष्टा ने रूद्र -शिव की स्तुति करते हए उदघोष किया। श्रेष्ठो जातस्य रूद्र श्रियासी तव्स्त्मस्तावासम वज्रबाहो /पर्षि णह पारंमहसः स्वस्ति विश्वा अभीती रपसो युयोधि –अर्थात हे रूद्र तुम ऐश्वर्य में सब प्राणियों की अपेक्षा श्रेष्ठ हो। हे वज्रबाहू तुम बड़े हुए लोगों में अतिशय …
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इतिहास 

भारत ही नहीं, दुनिया की सबसे प्राचीन धार्मिक पुस्तक है ऋग्वेद, जानें इतिहास

भारत ही नहीं, दुनिया की सबसे प्राचीन धार्मिक पुस्तक है ऋग्वेद, जानें इतिहास भारत की प्राचीन पुस्तक: ऋग्वेद को भारत ही नहीं, दुनिया की सबसे प्राचीन धार्मिक पुस्तक होने का गौरव प्राप्त है। वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं। वेदों की 28,000 पांडुलिपियां भारत में पुणे के ‘भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट’ में रखी हुई हैं। इनमें से ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियां बहुत ही बहुत …
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