पाकिस्तानी नेताओं पर हमले का पुराना इतिहास, इन पूर्व PM की हो चुकी है सरेआम हत्या

पाकिस्तानी नेताओं पर हमले का पुराना इतिहास, इन पूर्व PM की हो चुकी है सरेआम हत्या

नई दिल्ली। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रैली में गुरुवार को फायरिंग हुई, जिसमें उनके घायल होने की खबर है। इमरान खान पर गुजरांवाला में उस वक्त हमला हुआ जब वो लॉन्ग मार्च के दौरान अपने ट्रक पर खड़े हुए थे। उनके दाएं पैर पर पट्टी बंधी देखी गई, जब उन्हें एक SUV …

नई दिल्ली। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रैली में गुरुवार को फायरिंग हुई, जिसमें उनके घायल होने की खबर है। इमरान खान पर गुजरांवाला में उस वक्त हमला हुआ जब वो लॉन्ग मार्च के दौरान अपने ट्रक पर खड़े हुए थे। उनके दाएं पैर पर पट्टी बंधी देखी गई, जब उन्हें एक SUV पर अस्पताल ले जाया जा रहा था।

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लियाकत अली खान
ये कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान में बड़े नेताओं पर कातिलाना हमला हुआ है। पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को रावलपिंडी के कंपनी बाग में मंच पर ही मार दिया गया था। लियाकत अली खान 16 अक्टूबर, 1951 को कंपनी गार्डन में लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें संबोधित कर रहे थे। फायरिंग के बाद वो मंच पर ही गिर पड़े, इसके बाद उन्हें तुरंत सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ घंटों बाद ही पता चला कि लियाकत अली खान की मौत हो गई।

बेनजीर भुट्टो
पाकिस्तान की एक और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 2007 में 27 दिसंबर को चुनावी प्रचार के दौरान वो कार की सनरूफ से बाहर आकर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही थी, तभी उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। फिर हमलावर ने खुद को भी उड़ा लिया था। बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थीं। मौजूदा विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो उनके बेटे हैं।

जुल्फिकार अली भुट्टो
बेनजीर के पिता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को हत्या के आरोप में 4 अप्रैल 1979 को जनरल जिया-उल-हक के सैन्य शासन ने फांसी दे दी थी। उससे पहले 1975 में उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था. फांसी के नौ साल बाद जिला-उल-हक की एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। हालांकि, यह संदेह भी है कि यह एक हत्या थी।

अहसान इकबाल
वहीं पाकिस्तान के तत्कालीन गृहमंत्री अहसान इकबाल पर पंजाब सूबे में एक रैली के दौरान जानलेवा हमला किया गया। इकबाल को दाहिने कंधे पर गोली लगी। यह हमला तब हुआ जब वह कंजरूर तहसील के नरोवाल में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे। हमलावर ने इकबाल पर लगभग 18 मीटर की दूरी से निशाना साधा। उसके पास 30 बोर की पिस्टल थी।

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