राजपुर कला में रहस्यमयी बुखार, 30 दिन में 25 मौतें

राजपुर कला में रहस्यमयी बुखार, 30 दिन में 25 मौतें

आसिफ अंसारी, बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमण से गांवों को बचाने के लिए कड़े निर्देश दे रहे हैं। कोविड जांचें ज्यादा से ज्यादा कराने को लेकर लगातार वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। बरेली में 10 हजार तक जांचें कराने को कहा गया है, लेकिन बरेली के अधिकारी इसे गंभीरता से …

आसिफ अंसारी, बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमण से गांवों को बचाने के लिए कड़े निर्देश दे रहे हैं। कोविड जांचें ज्यादा से ज्यादा कराने को लेकर लगातार वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। बरेली में 10 हजार तक जांचें कराने को कहा गया है, लेकिन बरेली के अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। गांवों में न तो कोविड जांच टीमें पहुंच रही हैं और न ही ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं।

इसका नतीजा कि गांवों में कोविड ही नहीं, रहस्यमयी बुखार समेत अन्य बीमारियों से मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। क्यारा गांव में दो दिन पहले सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने सीएमओ को मौके पर बुलाकर ग्रामीणों की जांच कराई लेकिन आंवला तहसील के राजपुर कला गांव की हालात देखने के लिए न जनप्रतिनिधि और न ही स्वास्थ्य अधिकारी पहुंचे हैं। पिछले 30 दिन की बात करें तो यहां पर 25 लोगों की मौत हो चुकी हैं। बड़ी संख्या में लोग रहस्यमयी बुखार से ग्रसित हैं।

ग्रामीणों में बुखार को लेकर दहशत है। कोरोना ने पहले से ही हिम्मत तोड़ दी है अब बुखार की दस्तक ने ग्रामीणों की नींद गायब कर दी है। सोमवार को अमृत विचार की टीम ने गांव के हालात देखे, तब हकीकत खुलकर सामने आ गई। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में सहमे ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो तेज बुखार आता है लेकिन अब बुखार के साथ अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। कुछ समय बाद ही व्यक्ति की मौत हो जाती है।

ग्राम पंचायत की कुल आबादी करीब 12 हजार है। गांव में 14 अप्रैल से जनाजे और अर्थी उठने का सिलसिला लगातार जारी है। एक माह के अंदर ग्राम पंचायत में 25 लोगों की मौत तेज बुखार और ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण हुई है। अप्रैल माह में जहां एक तरफ चुनावी सरगर्मियां तेज थीं, वहीं हो रही मौतों से गांव में अब मातमी सन्नाटा पसरा है। हालात ऐसे हैं कि क्षेत्र के झोलाछाप भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बिना डर के पेड़ के नीचे मरीजों को चारपाई पर लिटाकर उनका उपचार कर रहे हैं। पेड़ के नीचे बेड डालकर ग्लूकोज चढ़ाने के मामले भी दिखे।

लाॅकडाउन के बीच लग रही साप्तहिक बाजार
शहर से लेकर ग्रामीण अंचल के बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। पुलिस की सुस्ती की वजह से लाॅकडाउन का पालन नहीं हो पा रहा है। विशारतगंज के अखा गांव में सोमवार को साप्ताहिक बाजार लगा था। साप्ताहिक बाजार में खरीदारी करने वाले ग्राहकों की भीड़ उमड़ी हुई थी। अमृत विचार की टीम ने जब उनका फोटो खींचने के लिए कैमरा निकाला तो दुकानदारों ने आनन-फानन में शटर गिराने शुरू कर दिए।

झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर
विशारतगंज क्षेत्र के राजपुर कलां गांव में एक माह में 25 मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़े बैठा है। गांव में बुखार, खांसी, जुकाम और कोरोना जैसे लक्षणों वाले दर्जनों रोगी घर पर रहकर ही इलाज करा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को सूचित करने के बाद भी यहां जांच के लिए टीम नहीं आई। जिसके वजह से लोग गांव के झोलाछापों से इलाज कराने को मजबूर हैं।

नहीं पहुंची डाक्टरों की टीम
कोरोना की दूसरी लहर राजपुर कला गांव में कोई दवा वितरण नहीं की गई है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत चुनाव से एक दिन पहले जरूर गांव में मौजूद प्राथमिक विद्यायल में स्वास्थ्य कैंप लगा था। जिसमें गांव में 45 साल से अधिक उम्र वालों ने कोरोना की वैक्सीन लगवाई थी। उसके बाद आज तक कोई भी डाक्टरों की टीम ने कैंप नहीं लगाया है।

इन लोगों की हो चुकी है मौत
गांव में एक महीने में हैदर शाह, इंद्रजीत, भौरोप्रसाद, महेश गुप्ता, बादशाह यादव, आनंद विश्वास, कंचन देवी, श्योपाल यादव, रामबेटी, रुपचंद, असगर, राजवीर यादव, कांता प्रसाद समेत 14 अप्रैल से लेकर 15 मई तक 25 लोगों की रहस्मयी बुखार से मौत हो चुकी है।

गांव वालों का दर्द
पिताजी ने 13 अप्रैल को गांव में ही लगे कैंप में कोरोना का टीका लगवाया था। जिसके बाद अचानक उन्हें दूसरे दिन बुखार आ गया। जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर गए। उसके बाद कमजोरी होने पर गांव में ही एक डाक्टर ने बताया कि बीपी कम हो गया है। धीरे-धीरे खांसी बढ़ने पर सांस लेने में दिक्क्त होने लगी। 27 अप्रैल का पिताजी की मौत हो गई। -ज्ञानेन्द्र यादव

पति और हमने गांव में ही 14 अप्रैल को टीका लगवाया था। जिसके बाद से ही दोनों को लगातार बुखार आ रहा है। पति की हालत बिगड़ने पर उनका बरेली के एक निजी अस्पताल से उपचार चल रहा है। वहीं उनकी हालत में भी लगातार उपचार के बाद से ही कोई सुधार नहीं है। -प्रभा

पिताजी ने 17 अप्रैल को कोरोना की जांच कराई थी। जिसके बाद उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद उन्हें सुभाषनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 6 दिन उपचार के बाद डाक्टरों ने अस्पताल में आक्सीजन न होने की बात कहकर छुट्टी कर दी। घर पर तीन दिन आक्सीजन के सहारे उनका उपचार किया गया। बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां तीसरे दिन उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। ज्योति

मेरे दो देवर की अचानक तबीयत बिगड़ी थी। जिनकी हालत लगातार खराब होती चली गई। 77 वर्षीय भैरो प्रसाद की 22 अप्रैल को मौत हो गई। वहीं 75 वर्षीय इंद्रजीत सक्सेना की 19 अप्रैल को मौत हो गई। वसंती देवी

राजपुर कला गांव की आबादी का फैक्ट फाइल
गांव की कुल आबादी: 12 हजार
5500 सौ वोटर है गांव में कुल
यादव जाति: 35 प्रतिशत
मुस्लिम आबादी: 25 प्रतिशत
मौर्य आबादी: 25 प्रतिशत
अन्य जाति की आबादी:15 प्रतिशत

ग्राम प्रधान का कहना है कि आज 18 मई को एक कैंप लगवाया जा रहा है। जिसमें कोरोना बीमारी से संबंधित बचाव के उपाय बता कर लोगों को जागरूक करके टीके के बारे में ही बताया जाएगा। गांव में जो मौत हुई है वह किसी रोग से ग्रस्त थे उन लोगों की मौत हुई है। अभी हमें शपथ नहीं मिली है इसके बावजूद भी हम अपने पास से गांव की सफाई की व्यवस्था की है। अतुल गुप्ता, ग्राम प्रधान राजपुर कला

गांव में मौतों की सूचना लगातार आ रही है। जिसमें कुछ अन्य बीमारी तो कुछ की उम्र ज्यादा होने से मौत की वजह सामने आई है। राजपुर कला गांव में मौतों की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो आज गांव में टीम को भेजकर कैंप लगाकर जांच कराई जाएगी। आशा और एएनएम को अब एक गांव का प्रतिदिन निरीक्षण करने के लिए बोला गया है। -डॉ. सुधीर कुमार गर्ग, सीएमओ