हल्द्वानी: वाह री ! मुखानी पुलिस, झूठी रिपोर्ट लगाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को कर दिया गुमराह

हल्द्वानी: वाह री ! मुखानी पुलिस, झूठी रिपोर्ट लगाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को कर दिया गुमराह

हल्द्वानी, अमृत विचार। अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने का दम भरने वाली हल्द्वानी पुलिस अब पीड़ित की शिकायत पर झूठी रिपोर्ट लगाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भी गुमराह कर रही है। ताजा मामला मुखानी थाने से जुड़ा है। कोरोना काल के दौरान सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी के खिलाफ …

हल्द्वानी, अमृत विचार। अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने का दम भरने वाली हल्द्वानी पुलिस अब पीड़ित की शिकायत पर झूठी रिपोर्ट लगाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भी गुमराह कर रही है। ताजा मामला मुखानी थाने से जुड़ा है। कोरोना काल के दौरान सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी के खिलाफ छह नवंबर को मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत की गई थी, जिसमें शिकायतकर्ता पत्रकार ने हल्द्वानी के जेल रोड निवासी और वर्तमान में देहरादून निवासी ठगी के आरोपी पर गालीगलौज और धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी।

26 अक्टूबर को हल्द्वानी कोतवाली में दी गई तहरीर।

मामले में मुखानी थाना पुलिस ने मुख्यमंत्री पोर्टल में बताया है कि पत्रकार से गालीगलौज संबंधी साक्ष्य मांगे गए तो नहीं दिए गए। जबकि शिकायतकर्ता पत्रकार से मुखानी पुलिस ने कभी भी साक्ष्य मांगे ही नहीं। साथ ही मुखानी पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के शिकार हुए कमलुआगांजा निवासी युवक और आरोपी के बीच शराब के कारोबार की नई कहानी गढ़ दी है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

ठगी के आरोपी पर कार्रवाई की मांग को 26 अक्टूबर को कोतवाली में तहरीर सौंपते पत्रकार।

यह था मामला
कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले अल्मोड़ा और हल्द्वानी के कमलुवागांजा निवासी दो युवकों ने पत्रकार संजय पाठक के सामने ठगी की पीड़ा रखी थी। जिस पर 25 अक्टूबर को पत्रकार की ओर से ठगी के आरोपी से पक्ष जानने के लिए फोन पर बात की गई थी। इस दौरान ठगी के आरोपी ने पत्रकार से गालीगलौज और धमकी दी थी। जिसके बाद 26 अक्टूबर को हल्द्वानी कोतवाली में तैनात तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अरुण सैनी को तहरीर सौंपी थी। लेकिन 10 दिन बाद बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद छह नवंबर को शिकायकर्ता की ओर से मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत दर्ज कराई गई थी। अपनी रिपोर्ट में मुखानी पुलिस ने शिकायतकर्ता की ओर से गालीगलौज संबंधी साक्ष्य उपलब्ध न कराने की बात कही है। जबकि शिकायकर्ता पत्रकार से पुलिस ने कभी भी साक्ष्य नहीं मांगे। मामले में पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे से भी कार्रवाई की मांग की थी।

ठगी के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे से मिलते पत्रकार।

पीड़ित को एक बार कोतवाली, पांच बार मुखानी थाने से लौटाया
पीड़ित नवीन जोशी का कहना है कि वह तहरीर लेकर एक बार कोतवाली और पांच बार मुखानी थाने जा चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें निराश ही लौटना पड़ा। कोतवाली पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि मामला मुखानी थाने का है। वहीं मुखानी थाने में तीन बार एसओ के उपलब्ध न होने से मौजूद स्टाफ ने रिपोर्ट ही नहीं लिखी। लेकिन शिकायती पत्र अपने पास रख लिया। इस दौरान दो बार पुलिस ने आरोपी को पूछताछ के लिए थाने आने के लिए भी कहा लेकिन आरोपी थाने नहीं पहुंचा। पुलिस मामले में समझौता करने का दबाव बना रही है।

आरोपी ठग पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
कमलुवागांजा निवासी पीड़ित नवीन जोशी ने बताया कि कोरानाकाल में नौकरी खोने के बाद वह किसी के माध्यम से हल्द्वानी जेल रोड और वर्तमान में देहरादून निवासी आरोपी के संपर्क में आए थे। आरोपी ठग ने बड़े राजनेताओं और अधिकारियों की नजदीकी का झांसा देकर उन्हें सचिवालय में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया। जिसके बाद उन्होंने खुद और चार अन्य बेरोजगारों से करीब 14.50 लाख रुपये आरोपी ठग को मुहैय्या करा दिए। उन्होंने बताया कि ठग ने उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र भी अपने कब्जे में ले लिए। लेकिन साल भर बीतने के बाद भी नौकरी नहीं मिली, तो ठगी का एहसास हुआ। पीड़ित नवीन जोशी ने बताया कि अब रुपये मांगने पर ठग उन्हें परिवार समेत आत्महत्या कर लेने को कह रहा है। जिस कारण वह और उनका परिवार मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं।

लोन की किश्त चुकाने को मजबूर
पीड़ित नवीन जोशी ने बताया कि ठगी के आरोपी को जो पैसे उन्होंने दिए थे वह बैंक से लोन लिए थे। अब गाड़ी चलाकर जो कुछ भी कमा रहे हैं वह बैंक की किश्त चुकाने में जा रहा है। बेटियों की स्कूल फीस भरना भी मुश्किल हो गया है। ऐसा ही हाल दूसरे पीड़ितों का भी है, उन्होंने भी बैंक और दूसरे लोगों से उधार लेकर आरोपी ठग को पैसा उपलब्ध कराया था।

बोले डीआईजी, पीड़ित के साथ न्याय होगा
मामले में डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि जल्द जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।